कोलकाता: कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पश्चिम बंगाल में गुरुवार को हनुमान जंयती के मौके पर कड़ी सुरक्षा के बीच शांति-पूर्वक जुलूस निकाला गया। प्रशासन ने सुरक्षा का चाक-चौबंद व्यवस्था की थी। जहां-जहां धारा 144 लागू है, वहां पर जुलूस निकाले जाने की मनाही थी।
इस दौरान सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी थी, तो आसमान से ड्रोन से निगरानी रखी गयी। बंगाल में पहली बार है जब केंद्रीय बलों की निगरानी में हनुमान जयंती मनाई जा रही है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने हनुमान जयंती समारोह के दौरान शांति बनाए रखने के लिए केंद्रीय बलों की तीन कंपनियों को तैनात करने का निर्देश दिया था। सीआरपीएफ के जवानों को कोलकाता, चंदननगर और बैरकपुर में तैनात किया गया था।
दूसरी ओर, कल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से हनुमान जयंती शांतिपूर्ण तरीके से मनाने का आग्रह किया था।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर शोभायात्रा के दौरान हिंसा के बाद ममता बनर्जी सरकार सवालों के घेरे में है।
30 मार्च को हावड़ा के शिवपुर में रामनवमी के जुलूस पर हमला हुआ था। उसके 4 दिनों बाद हुगली जिले के रिसड़ा में भाजपा की ओर से आयोजित रामनवमी के जुलूस पर हमला हुआ।
अभी मामला शांत भी नहीं हुआ था कि सोमवार की रात को उपद्रवियों ने जमकर तांडव मचाया। पुलिस उन पर काबू पाने के लिए देर रात तक आंसू गैस के गोले दाग रहे थे।
इस बीच कलकत्ता हाईकोर्ट की ओर से हनुमान जयंती के संबंध में ममता बनर्जी सरकार को सख्त निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने कहा था कि इस बात का ध्यान रखा जाए कि जिस इलाके में धारा 144 लगी है, वहां से होकर जुलूस न निकले। रामनवमी पर हावड़ा के बाद हुगली जिले के रिसड़ा में भी हिंसा हुई थी। इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार से रिपोर्ट भी तलब की थी।