इंटरनेट शुरू होते ही फिर मणिपुर में बवाल, 13 लोगों की मौत

मृतकों की नहीं हो पाई है पहचान

इंफाल : मणिपुर की स्थिति कई महीनों के बाद भी नहीं सुधरी है। जब लगता है की हालात नियंत्रण में है तब ऐसी हिंसा की घटना सामने आ जाती है, जिससे बवाल मचना शुरू हो जाता है। ताजा हिंसा की घटना सामने आई है, म्यांमार बॉर्डर से लगे कुकी बहुल इलाके टेंग्नौपाल​​​​​​ जिले के लीथू गांव की। यहां पर सोमवार सुबह 10:30 बजे दो गुटों के बीच हुई गोलीबारी में 13 लोगों की मौत हो गई। घटना

असम राइफल्स के मुताबिक, इलाके के एक विद्रोही समूह ने म्यांमार जा रहे उग्रवादियों पर ये हमला किया है। मारे गए लोगों की पहचान नहीं हो पाई है।

मणिपुर सरकार ने 3 दिसंबर को कुछ इलाकों को छोड़कर राज्य में मोबाइल इंटनेट सेवाएं 18 दिसंबर तक के लिए बहाल की थीं। इसके बाद गोलीबारी की यह पहली घटना है।

एक अधिकारी ने बताया कि जिले के लेतीथू गांव के पास दो गुटों के बीच फायरिंग हुई। घटना की सूचना पर सुरक्षा कर्मी मौके पर पहुंचे। वहां से पुलिस ने 13 शव बरामद किए हैं। अधिकारी ने कहा कि घटनास्थल से उन्हें कोई हथियार बरामद नहीं हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है।

3 दिसंबर को तेंगनोउपल जिले में कुकी-जो जनजातीय समूहों ने भारत सरकार और यूएनएलेफ के बीच हुए शांति समझौते का स्वागत किया था। यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब रविवार को ही राज्य में सात महीने के बाद मोबाइल इंटरनेट सेवाओं से प्रतिबंध हटा दिया गया था। हालांकि, कुछ जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में अब भी प्रतिबंध जारी है। राज्य में इंटरनेट पर बैन 23 सितंबर को कुछ समय के लिए हटा लिया गया था, लेकिन 26 सितंबर को इसे फिर से शुरू कर दिया गया, ताकि नफरत भरे भाषण और नफरत वाले वीडियो संदेशों को प्रसारित करने से रोकने में मदद मिल सके।

आपको बताते चलें कि राज्य में कुकी और मैतेई समूह के बीच आरक्षण को लेकर 3 मई से हिंसा जारी है। हिंसक घटनाओं में अब तक 200 लोग मारे गए हैं। 50 हजार लोग रिलीफ कैंप्स में रह रहे हैं।

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