विद्यालयों के नई समय सारिणी से अभिभावकों में उबाल

भूखे प्यासे कर रहे पढ़ाई, ग्यारह के बाद मिल रहा खाना

संतोष वर्मा

चाईबासा : शिक्षा विभाग ने विद्यालय संचालन में नई समय सारिणी लागू की है।पूर्व में विद्यालय का संचालन एक जुलाई से 31 मार्च तक सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक कक्षा संचालन होता था।एक अप्रैल से 30जून तक प्रता कालीन विद्यालय का संचालन सुबह साढ़े छ बजे से साढ़े ग्यारह बजे तक होता था।गर्मी बढ़ने पर कक्षा संचालन सुबह सात से दस बजे तक होता था।नई समय सारिणी में एक जुलाई से 31मार्च तक विद्यालय का संचालन सुबह नौ बजे से शाम के तीन बजे तक चल रहा है।प्राता कालीन विद्यालय का संचालन सुबह सात बजे से दोपहर एक बजे तक हो रहा है।बच्चों को ग्यारह बजे मध्याह्न भोजन दिया जा रहा है।मध्य विद्यालय के बच्चे सुबह छ साढ़े छ बजे घर से भूखे प्यासे निकल जा रहे है।वे भूखे प्यासे ही ग्यारह साढ़े ग्यारह तक रह कर पढ़ाई कर रहे है।चिलचिलाती गर्मी में बच्चे सन स्ट्रोक की चपेट मे आ सकते है।अभिभावक सुनीता तिरिया ने कहा ये बकवास और अवायव्हारिक समय सारिणी है।बच्चों के शिक्षा के नाम पर झेलाई हो रहा है।ए सी में बैठ कर समय सारिणी बनाने वालों को जमीनी हकीकत का पता नहीं। निवास तिरिया ने कहा सरकारी स्कूलों में हम गरीबों के बच्चे पढ़ते है।विभाग उन्हें साढ़े ग्यारह बजे तक भूखे रख कर प्रताड़ित कर रही है।डेढ़ दो बजे जब सूर्य देव अपने रौद्र रूप में होते है तब बच्चो को घर भेजा जाता है। बच्चे लू की चपेट में आए तो इसकी जिम्मेवारी किसकी होगी।

 

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राजू गोप ने कहा : 

राजू गोप ने कहा तुगलकी फरमान है पूर्व की तरह साढ़े छ से साढ़े ग्यारह किया जाए और बच्चो को साढ़े आठ बजे खाना दिया जाए।बच्चे गर्मी से परेशान है विभाग समय में सुधार नहीं करती है तो ये बच्चो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होगा।
गीता तिरिया ने कहा बच्चे असहज महसूस कर रहे है।।चिलचिलाती धूप में भूखे रहना और डेढ़ बजे घर के लिए रवाना होना पनिशमेंट से कम नहीं है।हर हाल में साढ़े ग्यारह तक छुट्टी दी जाए रमज़ान में मुस्लिम बच्चो और शिक्षकों को एक घंटा पूर्व छुट्टी दी जाए।