Parliament Session: हंगामे की भेंट चढ़ी संसद

संसद के बजट सत्र का दूसरा भाग हंगामे की भेंट चढ़ता हुआ दिखा

नई दिल्ली ।  संसद के बजट सत्र का दूसरा भाग हंगामे की भेंट चढ़ता हुआ दिखा। एक तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान को लेकर सत्ता पक्ष उनकी माफी पर अड़ा हुआ है तो वहीं पूरा विपक्ष अडानी ग्रुप के मुद्दे को लेकर जेपीसी गठन की मांग से कम पर राजी नहीं है।

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सात दिन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ चुकी है। फिलहाल संसद के दोनों सदन कल (24 मार्च) सुबह तक के लिए स्थगित कर दिए गए हैं। बता दें कि सदन स्थगित होने के बाद प्रधानमंत्री और कुछ वरिष्ठ मंत्री लोकसभा अध्यक्ष से उनके कमरे में जाकर मिले।

इस दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने गतिरोध दूर करने के लिए सभी दलों के फ्लोर लीडर्स के साथ बैठक भी की।

– लोकसभा में सभी मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर वोटिंग हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में रहे और विपक्षी सांसद जेपीसी की मांग को लेकर हंगामा करते रहे और ‘मोदी-अडानी भाई-भाई’ के नारे लगाते रहे। अनुदान मांगों को पारित करने के बाद लोकसभा की कार्यवाही कल सुबह 11:00 बजे तक स्थगित की गई। अब कल वित्त विधेयक पारित होगा।

– कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने अडानी समूह से जुड़े मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग करते हुए गुरुवार को संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। विपक्षी सांसद संसद परिसर में मार्च करते हुए भीमराव अंबडेकर की प्रतिमा के सामने इकट्ठा हुए। उन्होंने जेपीसी की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

– इससे पहले कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए आगे की रणनीति पर गुरुवार को चर्चा की। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई बैठक में खरगे के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, डीएमके के टीआर बालू, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए।

– राज्यसभा में कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन और कुछ अन्य सदस्यों ने अडानी समूह के मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने की मांग करते हुए कार्यस्थगन के नोटिस दिए। पहले अडानी समूह के कथित स्टॉक हेरफेर की संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही शाम 6 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। दोपहर 2 बजे सदन की बैठक शुरू होने के तुरंत बाद लोकसभा को स्थगित कर दिया गया।

– वहीं, इन्हीं दोनों मामलों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष की बेंच के बीच गतिरोध जारी रहने की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही गुरुवार को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। दोपहर 2 बजे जैसे ही उच्च सदन ने अपनी कार्यवाही फिर से शुरू की, उपसभापति हरिवंश ने बीजद सदस्य सुजीत कुमार को कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा जारी रखने के लिए सत्तारूढ़ और विपक्षी दल के सदस्यों के हंगामे के बीच बुलाया। सदन में व्यवस्था बनाए रखने के उपसभापति के अनुरोध पर कोई ध्यान नहीं दिया गया तो उन्होंने सदन को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया।

– कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने संवाददाताओं से कहा, मोदी सरकार अडानी मामले में जेपीसी गठित करने की मांग स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। अगर जेपीसी बनती है तो बीजेपी के सदस्यों की संख्या ज्यादा होगी, विपक्ष के सदस्यों की संख्या कम होगी, फिर जेपीसी गठित करने में नुकसान क्या है? ।

– उन्होंने आरोप लगाया, यह सरकार चाहती है कि संसद सदस्य रिकॉर्ड नहीं देखें, वह हर सूचना को गोपनीय रखना चाहती है, वह पारदर्शिता नहीं चाहती है। इसलिए वे लोकतांत्रिक संस्थाओं, लोकतांत्रिक तौर तरीकों और संविधान को खत्म करना चाहते हैं। खरगे ने कहा, हम डरेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं। हम अपनी मांग जारी रखेंगे।

– पीयूष गोयल ने विपक्ष की ओर इशारा करते हुए राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि देश चाहता है कि वह माफी मांगें। पीयूष गोयल के जवाब में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमारी मांग है कि नियम 267 के तहत अडानी मुद्दे पर चर्चा हो। सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसद आमने-सामने आ गए। इसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

– सत्तापक्ष की ओर से लोकसभा में ‘राहुल गांधी माफी मांगो’, ‘राहुल गांधी हाय-हाय’ के नारे लगाए गए। जवाब में विपक्ष के सदस्य वेल में आ गए और ‘बोलने दो, बोलने दो… राहुलजी को बोलने दो’ के नारे लगाए।

 

 

 

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