नहीं हटेंगे फुटपाथवासी- बॉम्बे हाईकोर्ट

कोर्ट ने कहा कि लोगों का बेघर होना एक वैश्विक मुद्दा है

मुंबई।  बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार यानी की आज (3 मार्च) को दक्षिण मुंबई में फुटपाथ पर रहने वाले लोगों को हटाने का निर्देश देने वाले किसी भी आदेश को पारित करने से इनकार कर दिया है। दरअसल कोर्ट ने कहा कि लोगों का बेघर होना एक वैश्विक मुद्दा है।

यह भी पढ़े: कोलकाता में कैश के साथ गिरफ्तार कांग्रेसी विधायकों को मिली राहत

यही नहीं फुटपाथ पर रहने वाले लोग भी बाकी लोगों की तरह ही इंसान ही हैं। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति गौतम पटेल और नीला गोखले की खंडपीठ शहर के फुटपाथों और पटरी पर अनधिकृत विक्रेताओं तथा फेरीवालों के कब्जे के मुद्दे पर उच्च न्यायालय द्वारा स्वत: संज्ञान (स्वयं) ली गई याचिका पर विचार कर रही थी।

बॉम्बे बार एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि कई लोग दक्षिण मुंबई में फाउंटेन क्षेत्र के पास फुटपाथों और पटरियों पर रहते और सोते हैं। याचिका में कहा गया है कि कार्रवाई के लिए शहर की पुलिस और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (Brihanmumbai Municipal Corporation) को भी पत्र लिखे गए हैं। पीठ ने हालांकि सवाल किया कि ऐसे मामलों में क्या न्यायिक आदेश पारित किया जा सकता है? अदालत ने कहा, “क्या आप कह रहे हैं कि शहर को गरीबों से छुटकारा मिलना चाहिए? ये वे लोग हैं जो दूसरे शहरों से यहां अवसरों की तलाश में आते हैं। बेघर व्यक्तियों का मुद्दा एक वैश्विक मुद्दा है।

आगे न्यायमूर्ति पटेल ने कहा, “वे (बेघर लोग) भी इंसान हैं। वे गरीब या कम भाग्यशाली हो सकते हैं, लेकिन वे भी मनुष्य हैं और वे (बेघर लोगों को) अदालत की नजर में अन्य इंसानों के समान ही इंसान हैं। एसोसिएशन के वकील मिलिंद साठे ने सुझाव दिया कि फुटपाथ और पटरी पर रहने वाले ऐसे व्यक्तियों के लिए रैन बसेरों की व्यवस्था की जानी चाहिए। पीठ ने कहा कि यह एक समाधान है जिस पर अधिकारी विचार कर सकते हैं।

bombay high courtPedestrians