सहायक अभियंता नियुक्ति में आरक्षण मामले में याचिका खारिज

हाई कोर्ट ने एकल पीठ के आदेश को सही ठहराया

रांची :  जेपीएससी द्वारा ली गई सहायक अभियंता नियुक्ति में प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) में आरक्षण देने से संबंधित मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद बुधवार को फैसला सुनाया।

हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दिया। अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि जो मेधावी अभ्यर्थी थे उसे मार्क्स के आधार पर अनरिजर्व में लिया गया, इसमें जेपीएससी की कोई गलती प्रतीत नहीं होती है।

अपॉइंटमेंट रूल 2016 के तहत यह सही है, इसलिए एकल पीठ के आदेश में दखल नहीं दिया जा सकता है। एकल पीठ का आदेश सही है। बुधवार को मामले में प्रतिवादी और सरकार की ओर से बहस हुई।

इससे पहले मंगलवार को प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा और अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने कोर्ट को बताया था पीटी में रिजर्व कैटेगरी के कैंडिडेट को जनरल में शिफ्ट किया गया, जो राज्य सरकार की नियमावली और जेपीएससी के विज्ञापन के विरुद्ध है।

ऐसा करके गुप्त रूप से पीटी में आरक्षण दिया गया है। सरकार की नियमावली के तहत पीटी में आरक्षण का प्रावधान नहीं है। मामले में सफल अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता मनोज टंडन की हस्तक्षेप याचिका को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए इन्हें प्रतिवादी बनाया था।

जेपीएससी की ओर से संजय पिपरवाल ने पैरवी की। याचिकाकर्ता भास्कर ने इस मामले में याचिका दायर कर कहा है कि सहायक अभियंता की नियुक्ति में कोटिवार रिजल्ट जारी किया गया है।

वहीं आरक्षित श्रेणी के कुछ अभ्यर्थियों को आरक्षण देते हुए सामान्य श्रेणी में रखा गया है,जबकि पीटी परीक्षा में आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है।

 

 

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