प्रणव मुखर्जी की बात

प्रणव मुखर्जी की बेटी का सवाल है कि राहुल ने किस अधिकार से कैबिनेट के फैसले से जारी किए गए अध्यादेश को फाड़ दिया था। उनका मानना है कि राहुल में नेहरू-गांधी परिवार का सदस्य होने का घमंड ही काम कर रहा था। उन्होंने तब देश के प्रधानमंत्री को भी छोटा कर दिया था।

देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की एक बार से चर्चा शुरू हो गई है। बंगाल कांग्रेस के लिए प्रणव दा हर मर्ज की दवा हुआ करते थे। इंदिरा गांधी ने उनकी प्रतिभा के मद्देनजर अपने कैबिनेट का सहयोगी बनाकर उन्हें और ज्यादा राजनीतिक स्तर पर संयमशील और गंभीर बना दिया था। राष्ट्रपति बनने के बाद भी प्रणव दा आम बंगाली नागरिकों की तरह ही अपने गांव आकर दुर्गापूजा के दौरान चंडी पाठ किया करते थे। लेकिन उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने फिलहाल ऐसी कुछ बातों का जिक्र अपनी पुस्तक में कर दिया है कि सियासी हलके में हलचल पैदा हो गई है।

दरअसल प्रणव बाबू की बेटी ने अपने पिता को याद करते हुए उनकी डायरी के आधार पर जो पुस्तक लिखी है उसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी तथा नरेंद्र मोदी के बारे में काफी कुछ कहा गया है। समझा जाता है कि पुस्तक में शामिल बातों के आधार पर कुछ लोग राहुल गांधी को निशाने पर ले रहे हैं। इसी अंदाज में सोनिया गांधी की सोच पर भी सवाल खड़े किए गये हैं। शर्मिष्ठा ने लिखा है कि उनके पिता राहुल गांधी की प्रशंसा करते थे।

प्रणव का मानना था कि राहुल अत्यंत विनयी और अनुशासन प्रिय रहे हैं। लेकिन उन्हें बुरा तब लगा था जब मनमोहन सिंह की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की एक राय के खिलाफ एक अध्यादेश जारी किया था जिसमें किसी सजायाफ्ता जन प्रतिनिधि को तत्काल प्रभाव से सदन से हटाने के फैसले रोक लगाई गई थी। ज्ञात रहे कि राहुल गांधी ने भरी प्रेस कांफ्रेस के दौरान उस अध्यादेश को ही फाड़ दिया था।

प्रणव मुखर्जी की बेटी का सवाल है कि राहुल ने किस अधिकार से कैबिनेट के फैसले से जारी किए गए अध्यादेश को फाड़ दिया था। उनका मानना है कि राहुल में नेहरू-गांधी परिवार का सदस्य होने का घमंड ही काम कर रहा था। उन्होंने तब देश के प्रधानमंत्री को भी छोटा कर दिया था। इस पुस्तक के जरिए शर्मिष्ठा का दावा है कि राहुल के बारे में प्रणव की सोच थी कि राजनीति के मैदान में अभी राहुल बहुत कच्चे हैं, उन्हें सीखने की जरूरत है।

इसी क्रम में सोनिया गांधी का भी पुस्तक में उल्लेख किया गया है, जहां कहा गया है कि सोनिया काफी परिश्रमी हैं तथा भारतीय बनने के लिए उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी है। लेकिन प्रणव दा की एक बात का उल्लेख भी पुस्तक में किया गया है जिसमें उनका कहना था कि सोनिया किसी भी सूरत में प्रणव को पीएम नहीं बनाना चाहती थीं।

शर्मिष्ठा की पुस्तक से कांग्रेस के लोग थोड़े असहज महसूस कर सकते हैं क्योंकि उनका दावा है कि प्रणव मुखर्जी कहा करते थे कि इंदिरा गांधी के बाद नरेंद्र मोदी ही वह प्रधानमंत्री हैं जिन्हें लोगों को पढ़ लेने की अद्भुत क्षमता हासिल है। पुस्तक के जरिए मोदी की प्रशंसा और राहुल गांधी के बारे में घमंड की बात का उल्लेख करना शर्मिष्ठा की सियासी पारी पर कितना प्रभाव डालेगा यह तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन कम से कम इससे आम लोगों को राहुल-सोनिया के बारे में थोड़ी-बहुत जानकारी जरूर मिल जाएगी।

फिलहाल सियासी बहस इस बात पर छिड़ी है कि आखिर प्रणव मुखर्जी की मौत के बाद इन गड़े मुर्दों को उखाड़ने के पीछे शर्मिष्ठा की सोच क्या है। कुछ लोग इसे भाजपा द्वारा प्रायोजित होने का भी दावा कर रहे हैं लेकिन जो बातें जनता के बीच आने लगी हैं, उनसे कम से कम राहुल गांधी की हेठी होनी तय है।

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