बंगाल में पत्रकार की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध मार्च निकाला गया

एनयूजेआई और डीजेए ने आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी

नई दिल्ली: नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में रिपब्लिक बांग्ला चैनल के संवाददाता संतु पान की गिरफ्तारी के विरोध में जंतर-मंतर से बंग भवन तक मार्च निकाला। पत्रकार संगठनों ने संतु पान को तुरंत रिहा करने की मांग की है। दिल्ली में लागू धारा 144 के बावजूद पत्रकारों ने विरोध मार्च निकाला।

विरोध मार्च के दौरान एनयूजेआई के अध्यक्ष रास बिहारी ने पश्चिम बंगाल में पत्रकारिता करना ममता राज में अपराध बन गया है। तृणमूल कांग्रेस सरकार के मंत्रियों और नेताओं के काले कारनामों को उजागर करने के लिए मीडिया को निशाना बनाया जा रहा है। संदेशखाली की जमीनी सच्चाई को उजागर करने के कारण ही रिपब्लिक बांग्ला टीवी के संवादादाता को गिरफ्तार किया गया। पत्रकार को तीन दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि पत्रकार को रिहा नहीं किया गया तो बड़े पैमाने पर देशव्यापी आंदोलन चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि एनयूजेआई की एक टीम पश्चिम बंगाल जाकर मीडिया की स्थिति पर एक रिपोर्ट तैयार करेगी।
एनयूजेआई के महासचिव प्रदीप तिवारी ने कहा कि ममता बनर्जी राज्य में अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए मीडिया पर अंकुश लगा रखा है। डीजेए के संयोजक राकेश थपलियाल ने कहा कि मीडिया को लंबे समय तक अंकुश नहीं रखा जा सकता है। ममता बनर्जी की सच्चाई बंगाल की जनता ही नहीं पूरे देश की जनता जान गई है। एनयूजेआई के सचिव अमलेश राजू ने कहा कि मीडिया में आतंक व्याप्त करके ममता बनर्जी अपने लोगों की काली सच्चाई को दबाना चाहती है।
विरोध मार्च के दौरान वरिष्ठ पत्रकार मनोज वर्मा, अवधेश कुमार, सीमा किरण, नरेश गुप्ता, अनीता चौधरी, मुकेश वत्स, उषा पाहवा, स्वाति वर्मा, नवीन गौतम आदि पत्रकारों ने संबोधित किया। पत्रकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि पत्रकार संतु पान को रिहा नहीं किया गया तो बंग भवन का घेराव किया जाएगा। इसके साथ ही पूरे देश विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।

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