आदिवासी संगठनों का रांची बंद का मिला -जुला असर, 50 बंद समर्थक गिरफ्तार

रांची : आदिवासी सरना धर्मावलंबियों का पवित्र प्रतीक सरना झंडा के साथ अपमान किए जाने के विरोध में राजधानी रांची बंद आदिवासी समुदाय के द्वारा बुलाया गया. इस बंदी का पूर्ण समर्थन सरना धर्म गुरु पाहनों ने भी किया और बंद के समर्थन में सड़क पर उतर गए. सुबह से ही बंद समर्थकों के द्वारा रांची के विभिन्न चौक चौराहों पर जुलूस और प्रदर्शन के माध्यम से देखा गया कि बंदी में आदिवासियों का जनाक्रोश देखने को मिला और बंदी आंशिक रूप से सफल भी रहा. इसमें महिलाओं ने भी बंद समर्थन में साथ दिया. राजधानी रांची के कई मुख्य सड़क के आवागमन को कुछ घंटों तक बाधित भी किया गया.बंद के दौरान अप्रिय घटना से निपटने के लिए जिला प्रशासन की तैयारी पूरी तरह हो रही है. पुरे  शहर में 15 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. इसमें रैपिड एक्शन पुलिस की पार्टी एवं जिला पुलिस बल हथियार एवं लाठी पार्टी को लगाया गया है.. वही शहर के 20 स्थानों पर वज्र वाहन रंगीन पानी आंसू गैस की टीम की भी तैनाती की गई. हालांकि शहर के मुख्य मार्ग पर  समर्थकों को आने से रोक दिया गया पर शहर के अन्य इलाकों में बंद समर्थक सड़क पर उतरे दिखे आवागमन और वाहनों का परिचालन आंशिक रूप से हो रहा. वही अधिकतर दुकानें बंद रही. पूरे शहर भर में एडीएम लॉ एंड ऑर्डर सहित जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा की दृष्टिकोण से पेट्रोलिंग भी की गई.एडीएम लॉ एंड ऑर्डर ने बंद के बारे में बताते हुए कहा कि बंदी का कॉल विभिन्न सरना संगठनों के द्वारा किया गया था शहर के 2 जगहों से बंद समर्थकों के द्वारा बंदी की सूचना आई है. प्रशासन की ओर से जाम को हटाया गया और 50 की संख्या में बंद समर्थकों को डिटेंड करते हुए जगन्नाथपुर थाना में रखा गया है.

वाइट एडीएम लॉ एंड ऑर्डर
वही बंद के समर्थन में उतरे समर्थक का कहना है कि अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत बंद के समर्थन में हम लोग शांतिपूर्ण रूप से सड़क पर उतरे हैं सरना झंडा के अपमान होने के कारण यह बंद बुलाया गया है हम सब चाहते हैं कि दोषियों पर अभिलंब प्रशासनिक कार्रवाई होते हुए गिरफ्तारी हो.