अशोक नगर आवासीय कॉलोनी का तेजी से हो रहा व्यवसायीकरण

आवसीय मकानों में चल रहे व्यवसायिक प्रतिष्ठान

रांची : राजधानी के सबसे पॉश कॉलोनी अशोक नगर के आवसीय मकानों में पिछले कुछ सालों में तेजी से कॉमर्शियल पर मकान देने का प्रचलित बढ़ा है, इस कॉलोनी में मॉल छोड़ कर हर तरह के व्यवसायिक प्रतिष्ठान खुल रहे हैं, वर्तमान में इस कॉलोनी को देखने पर कहीं से नहीं लगता है कि आवासीय क्षेत्र है, नीचे दुकान, ऊपर मकान वाली कहावत चरितार्थ हो रहा है.

 

डेढ़ सौ से अधिक एकड़ में फैला है अशोक नगर

अरगोड़ा चौक से ओवर ब्रिज मेन रोड जाने वाले मार्ग में करीब 154.46 एकड़ जमीन पर अशोक नगर कॉलोनी बसा है, जहां कुल 508 मकान बने हुए हैं, इस कॉलोनी में नगर निगम की ओर से जी +2 मकान की अनुमति है, लेकिन करीब 80 फीसदी मकान को आवसीय के साथ कॉमेंर्शियल की तरह उपयोग किया जा रहा है, मकान मालिक के द्वारा खुद रहने के साथ बाकि हिस्से को किराये पर लगा दिया गया है, कई  मकान मालिक तो ऐसे हैं जो दिखावे के लिए आवासीय बता कर पूरा मकान ही किराया पर लगा दिया है.

 

स्कूल, बैंक, सैकड़ों है अशोक नगर में

अशोक नगर कॉलोनी किसी मार्केट की तरह बस गया है, जहां प्ले स्कूल से लेकर कई शिक्षण संस्थाएं और कोचिंग क्लास खुले हैं, कई बैंकों की शाखाएं हैं, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की कोई कमी नहीं है, हर तरह के दुकान हैं, डॉक्टर के क्लिनिक से लेकर अस्पताल और जाँच घर, जिम, पार्क सभी इस कॉलोनी में मौजूद है, इस आवासीय कॉलोनी को पूरी तरह से व्यवसायिक तरीके से प्रयोग किया जा रहा हैं, जिससे यहाँ कई बार असामाजिक तत्वों का भी जमावड़ा लग जाता है,
नगर निगम और सरकार के नियमों का पालन करने का दावा अशोक नगर हाउसिंग सोसाइटी के सचिव अनिल शंकर का कहना है कि अशोक नगर कॉलोनी में नगर निगम और राज्य सरकार के नियमों का पूरा पालन किया जाता है, जहां तक आवासीय मकान को व्यवसाय के लिए किराये पर देने का सवाल है तो मकान मालिक अपने 50 फीसदी को व्यवसाय के लिए खुद या दूसरे को किराये पर दे सकते हैं, इसके लिए उन्हें उसी अनुरूप टैक्स देना पड़ता है, व्यवसायिक जगह का किराया 10 रूपये प्रति स्केवार फिट के हिसाब से टैक्स देना होता हैं.

 

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