रांची : झारखंड में ओबीसी और अन्य श्रेणियों के लिए आरक्षण की पूर्व निर्धारित सीमा नहीं बढ़ेगी. राज्यपाल सीपी कृष्णन ने झारखंड में ओबीसी सहित अन्य श्रेणियों के आरक्षण की सीमा बढ़ाने से संबंधित विधेयक को राज्य सरकार को वापस लौटा दिया है. विदित हो कि अन्य पिछड़ा वर्ग कोटे को 14% से बढ़ाकर 27% और अनुसूचित जाति के कोटे को 26% से बढ़ाकर 28% और अनुसूचित जाति को 10% से बढ़ाकर 12% करने का प्रयास करता है. इस पर वर्तमान राज्य सरकार के समर्थित दल कांग्रेस का मानना है कि यह विधायक लौटाया जाना इस बात का घाटक है कि भारतीय जनता पार्टी ओबीसी वर्ग के लिए केवल छलावा का काम कर रही है. राज्य में 27% आरक्षण ओबीसी को मिले ऐसा भाजपा नहीं चाहती. इस कारण संवैधानिक पद के माध्यम से इस विधेयक को वापस करवाती है.
- आरक्षण की पूर्व निर्धारित सीमा नहीं बढ़ेगी
- सरकार को बड़ा झटका
- राज्यपाल ने वापस लौटाया विधेयक
ओबीसी वर्ग को सिर्फ और सिर्फ भाजपा अपने वोट बैंक के लिए इस्तेमाल करती है. वही प्रदेश की विपक्षी पार्टी भाजपा के प्रवक्ता का कहना है कि राज्यपाल के द्वारा आरक्षण विधेयक बिल वापस किया जाना भारत के एटर्नी जनरल के सलाह के बाद विधि संवत सम्यक विचार के लिए ऐसा किया गया है. राज्य सरकार अपने विधि विभाग एडवोकेट जनरल के सलाह को अनसुनी करके राज्य सरकार ज़िद पर अड़ी रहेगी, तो हर विधेयक का यही हश्र होने जा रहा है. राज सरकार को ठंडे दिमाग से यह सोचना चाहिए कि ओबीसी आरक्षण का जो सुप्रीम कोर्ट का गाइडलाइन है. उसका अनुपालन नहीं किए जाने पर निश्चित रूप से विधेयक पारित नहीं किए जा सकते.
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