चतरा के सिंघम तोड़ रहे नक्सलियों की कमर

शिखा झा

चतरा : चतरा पुलिस ने पिछले डेढ़ साल में बहुत कुछ हासिल किया है। इस दौरान जिले की पुलिस ने अफीम की खेती, अपराध और उग्रवाद का मुकाबला करने के उद्देश्य से कई प्रभावी अभियान चलाए हैं। चतरा पुलिस ने एक तरह से उग्रवादियों और नशा तस्करों की कमर तोड़ दी है। इसे हासिल करने में प्रभावी नेतृत्व के लिए जिले के पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन और जिले के वीर पुलिस व सीआरपीएफ के जवान बधाई के पात्र हैं। दरअसल, चतरा जिला में 8 अगस्त 2021 को योगदान देने के बाद से ही पुलिस अधीक्षक ने अफीम की खेती तथा उग्रवाद के उन्मूलन को लेकर अभियान चलाना शुरू कर दिया था। जिले के विभिन्न प्रखंडों में व्यापक पैमाने पर हो रही अफीम की खेती तथा अफीम से बनाए जा रहे ड्रग्स तस्करी को रोकने के लिए सर्वप्रथम चिन्हित इलाकों में अपने सूचना तंत्र का जाल फैलाया। मुखबिरों ने अफीम के खिलाफ उनकी लड़ाई में पुलिस अधीक्षक को अपना अटूट समर्थन देने की पेशकश भी की।

 

एसपी रंजन भारी पड़े उग्रवादियों पर :

परिणामस्वरूप पुलिस अधीक्षक के आदेश पर अफीम के अवैध कारोबार पर लगाम लगाने के लिए जोरदार अभियान चलाया गया। एक हजार एकड़ अफीम के खेत को पुलिस ने बेरहमी से नष्ट कर दिया। इस दौरान अफीम तथा ब्राउन शुगर की तस्करी करने वाले दर्जनों तस्कर भी सलाखों के पीछे डाल दिए गए। अफीम की खेती के विरुद्ध अभियान चलाने के साथ साथ चतरा पुलिस ने पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में उग्रवाद के विरुद्ध भी अभियान चलाया। जिसमें पुलिस ने कई सफलताएं भी अर्जित की। सोमवार को लावालौंग थाना क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान भाकपा माओवादी के पांच कुख्यात नक्सलियों को मौत के घाट उतारने में पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व की भूमिका अहम रहीं हैं। यह झारखंड के इतिहास में पहली बार है, जब पांच इनामी नक्‍सली मार गिराए गए हैं।