पेपर लीक मामले में छात्रों पर हो रहा एक्शन

प्रदेश भाजपा ने मांगा शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु से जवाब

कोलकाता, सूत्रकार : पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इस साल परीक्षा शुरू होने के बाद सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र साझा करने के लिए 10वीं कक्षा के कुल 17 उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर दिया है, जिनमें से 16 मालदह जिले से हैं। पश्चिम बंगाल भाजपा ने छात्रों द्वारा सोशल मीडिया पर कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्र शेयर करने की हालिया घटनाओं पर राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु से जवाब की मांग की है।

इस महीने लगातार तीन परीक्षा तिथियों पर केंद्रों पर छात्रों द्वारा बंगाली, अंग्रेजी और इतिहास के प्रश्न पत्रों की तस्वीरें मोबाइल फोन पर क्लिक की गईं और सोशल मीडिया पर साझा की गईं।

इस मामले में वरिष्ठ भाजपा नेता शंकर घोष ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा इस मुद्दे से निपटने का पूरा तरीका दोषपूर्ण है, जबकि जिम्मेदार अधिकारियों को बचाया जा रहा है, वहीं उम्मीदवारों को दंडित किया जा रहा है, जिससे उनका भविष्य बर्बाद हो रहा है।

सिलीगुड़ी के विधायक घोष ने कहा कि बोर्ड मनमाने ढंग से उम्मीदवारों को मोबाइल फोन पर तस्वीरें लेने के आरोप में, बिना उन्हें खुद का बचाव करने या उनके खिलाफ आरोपों का खंडन करने का मौका दिए अयोग्य घोषित कर रहा है। जबकि, केन्द्रों पर सुरक्षा के लिए जिम्मेदार अधिकारी पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। हम स्थिति पर शिक्षा मंत्री से एक आधिकारिक बयान चाहते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि युवा छात्रों का भविष्य बर्बाद हो रहा है। उन्होंने सवाल किया कि बोर्ड ने दावा किया है कि प्रश्न पत्र पर उभरा हुआ क्यूआर कोड मोबाइल फोन पर क्लिक की गई छवि से समझा जा सकता है। लेकिन तकनीक की सत्यता क्या है? किस संगठन ने दी है क्यूआर कोड? क्या बोर्ड ने इसके लिए कोई टेंडर जारी किया था? टेंडर किसे मिला? क्या टेंडर निष्पक्ष पारदर्शी तरीके से दिया गया था?

वरिष्ठ भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि बोर्ड ने अपनी स्वतंत्रता खो दी है और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा नियंत्रित है।

डब्ल्यूबीबीएसई के अध्यक्ष रामानुज गांगुली ने पहले आरोप लगाया था कि “राज्य सरकार और बोर्ड को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है और छात्रों को परीक्षा प्रक्रिया को बाधित करने के लिए उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि साजिशकर्ता निराश हो गए हैं क्योंकि फुल-प्रूफ क्यूआर कोड तकनीक ने परीक्षा केंद्रों के अंदर गलत काम करने वालों पर नजर रखने में मदद की है और परीक्षा को रोकने की हर कोशिश को नाकाम कर दिया गया है।”

हालांकि, गांगुली ने कहा कि परीक्षा केंद्रों पर पर्यवेक्षक और स्थल पर्यवेक्षक शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी हैं। केन्द्रों पर प्रशिक्षित सुरक्षा कर्मी नहीं हैं, इससे उम्मीदवार आसानी से परीक्षा केंद्रों में मोबाइल फोन ले आते हैं।\

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