DA की मांग : राज्य के सरकारी कर्मचारियों ने निकाली रैली

अभिषेक के घर के सामने रैली से लगे चोर-चोर के नारे

कोलकाता : डीए (महंगाई भत्ता) की मांग को लेकर राज्य सरकार के कर्मचारियों के एक समूह ने शनिवार को महानगर कोलकाता में एक विशाल रैली निकाली। रैली में विभिन्न जिलों के कई सरकारी अधिकारी भी शामिल हुए। हजारों की संख्या में सरकारी कर्मचारी जुटे। यह रैली हाजरा से शुरू हुआ और सीएम ममता बनर्जी के सरकारी आवास हरीश मुखर्जी रोड और अभिषेक बनर्जी के आवास के पास से यह रैली गुजरी।

लेकिन कड़ी सुरक्षा के बीच ही अभिषेक के घर के सामने से गुजरते वक्त रैली से चोर-चोर के नारे लगाये गये। सिर्फ अभिषेक के घर के सामने ही नहीं बल्कि हाजरा मोड़ के सामने से गुजरते समय भी डीए आंदोलनकारियों की रैली से चोर-चोर के नारे लगाये गये।

बता दें, कलकत्ता हाईकोर्ट न्यायाधीश राजशेखर मंथा के आदेश के अनुसार राज्य सरकारी कर्मचारियों की यह रैली डीएल रोड, आशुतोष मुखर्जी रोड होते हुए आशुतोष कॉलेज के सामने से और फिर वापस हाजरा मोड़ में खत्म हुई।

अदालत की अनुमति के अनुसार संग्रामी संयुक्त मंच की रैली  अभिषेक बनर्जी के घर के सामने सड़क मार्ग से गुजरी।

उल्लेनीय है कि हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि रैली की अनुमति देते समय रैली शांतिपूर्ण ढंग से निकाला जाना चाहिए। रैली से किसी भी प्रकार से अपशब्द नहीं कहे जा सकते है। लेकिन इस दिन रैली से चोर-चोर के नारे भी लगाये गये।

रैली में शामिल एक आंदोलकारी ने कहा, सभी सड़कों पर रैली निकालेने का अधिकार है। हरीश मुखर्जी रोड पर रैली को लेकर संग्रामी संयुक्त मंच के संयोजक भास्कर घोष ने कहा, कोई विवाद नहीं है। आज़ाद देश में आज़ाद लोगों कहीं भी विरोध करने का अधिकार होना चाहिए।

भास्कर ने कहा, एक राज्य के सरकारी कर्मचारियों को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए 100 दिनों तक सड़क पर बैठना पड़ा। ऐसा नहीं लगता कि उस राज्य में लोकतंत्र है। किसी को अधिकार नहीं था।

गौरतलब हो कि राज्य सरकारी कर्मचारियों के एक गुट ने हरीश मुखर्जी रोड पर इस रैली के लिए अनुमति मांगी थी लेकिन, शुरू में पुलिस इसके लिए राजी नहीं हुई। मामला हाईकोर्ट तक गया। हाईकोर्ट ने सशर्त रैली की अनुमति दे दी।

लालबाजार सूत्रों के मुताबिक, सीएम ममता बनर्जी और सांसद अभिषेक बनर्जी का घर उस सड़क के बगल में है, जहां से डीए आंदोलनकारियों ने रैली निकाली। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए महत्वपूर्ण सड़कों पर सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए गये।

बता दें, पिछले काफी समय से सरकारी कर्मचारी केंद्रीय दर पर डीए की मांग को लेकर सड़क पर उतरे हुए हैं। गौरतलब है कि हाईकोर्ट की सलाह के अनुसार राज्य सरकार के अधिकारी पहले ही राज्य के साथ विचार-विमर्श कर चुके थे, लेकिन, वह चर्चा का कोई फल नहीं निकला है।

बता दें कि राज्य के बजट के दिन डीए में 3 फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा से सरकारी कर्मचारी खुश नहीं हैं। सरकारी कर्मचारियों के एक वर्ग ने दावा किया कि डीए के नाम पर भिक्षा दी गई थी।

उल्लेखनीय है कि डीए का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।

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