एकल पीठ के आदेश के खिलाफ डिविजन बेंच पहुंची राज्य सरकार

राष्ट्रगान के अपमान का मामलाः 20 दिसंबर को होगी सुनवाई

कोलकाता, सूत्रकार : कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने बुधवार को राष्ट्रगान के अपमान वाली एक शिकायत पर कई भाजपा विधायकों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाने के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति दे दी। इसके बाद राज्य सरकार डिविजन बेंच पहुंची। कोलकाता पुलिस की ओर से पांच भाजपा विधायकों को एक शिकायत पर नोटिस भेजा गया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने पिछले महीने पश्चिम बंगाल विधानसभा परिसर में सत्तारूढ़ टीएमसी विधायकों द्वारा राष्ट्रगान गाए जाने के दौरान उसका अपमान किया था।

भाजपा विधायक शंकर घोष और अन्य ने भगवा पार्टी के विधायकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की प्रार्थना करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया। न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल पीठ ने 7 दिसंबर को एफआईआर कार्यवाही पर 17 जनवरी तक अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया था। राज्य के वकील ने मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति मांगी। खंडपीठ, जिसमें न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य भी शामिल थे, ने कहा कि 20 दिसंबर को मामले की सुनवाई होगी।

राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा भाजपा विधायकों पर राज्य सरकार विरोधी नारे लगाने और राष्ट्रगान गाए जाने के दौरान खड़े नहीं होने का आरोप लगाने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। दोनों समूह अलग-अलग मुद्दों पर धरना दे रहे थे और 29 नवंबर को एक-दूसरे से ज्यादा दूर नहीं थे। न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने कहा था कि यह बहस का विषय है कि क्या किसी भी समूह द्वारा नारेबाजी के बीच राष्ट्रगान गाना अपेक्षित मर्यादा और संबंधित कानून के अनुरूप है।

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