झारखंड की एक ऐसी अधिकारी जो नहीं मानती सरकार का आदेश..

कामडारा : कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय कामडारा की वार्डेन दीपिका तिग्गा जिला के वरीय अधिकारियों के आदेश की अवहेलना करते हुये अब अधिकारियों के विरूद्ध ही हाईकोर्ट में मुकदमा दायर की है। जो काफी चौंकाने वाली बात है। ट्रांसफर मैटर को लेकर याचिकाकर्ता के रूप में वार्डेन दीपिका तिग्गा ने झारखंड के आईटीएस मुख्य सचिव, डिप्टी कमिश्नर गुमला और जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी गुमला को प्रतिवादी बनाया है। जो जिला में चर्चा का विषय बनी है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अपने ज्ञापांक 735 दिनांक 4 जुलाई 2023 के आलोक में कार्यालय आदेश निकाल कामडारा से कस्तूरबा गांधी विद्यालय डुमरी में 24 घंटे के अंदर योगदान करने का निर्देश दिया था। जिसमें उपायुक्त सह अध्यक्ष जिला कार्यकारिणी समिति गुमला की अध्यक्षता में विगत 6 जून 23 को संपन्न बैठक में दिये गये निर्देश के आलोक में दीपिका तिग्गा वार्डेन सह शिक्षिका कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय कामडारा को तत्काल प्रभाव से कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय डुमरी में स्थानांतरित किया गया था।

इसके बावजूद दीपिका ने डुमरी में योगदान नहीं दिया। इसके बाद पुन: जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी गुमला ने अपने पत्रांक 781 दिनांक 12 जूलाई के आलोक में विधालय में योगदान नहीं करने के संबंध में स्पष्टीकरण निकाला गया। जिसमें योगदान समर्पित नहीं करने को कर्तव्य के प्रति लापरवाही एंव वरीय पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना बताया गया और 24 घंटे के अंदर शांति सुरीन को कस्तूरबा गांधी बालिका विधालय कामडारा को वार्डेन सह शिक्षिका का प्रभार देते हुए कस्तूरबा गांधी बालिका विधालय डुमरी में योगदान करने का निर्देश दिया गया था।

साथ ही अपना स्पष्टीकरण समर्पित करें की किस परिस्थिति में आपके द्धारा वरीय पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना की गई ? अन्यथा वरीय पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना करने के कारण आपकी सेवा समाप्त करने हेतू अग्रेतर कारवाई की जायेगी और इसकी प्रतिलिपि कामडारा के बीइईओ को भी सौंपी गई पर बीइईओ मामले में शांत बैठ गये। इसके बावजूद अब तक दीपिका तिग्गा न तो प्रभार सौंपी और न ही योगदान दिया। मजे की बात तो यह है की वह अब भी कामडारा में कुंडली मारे मजा मार रही है और वहां की वार्डेन बनकर बैठी हुई है।

बता दे कि कस्तूरबा गांधी बालिका विधालय कामडारा में दीपिका तिग्गा के योगदान देने के बाद से ही विधालय के पठन पाठन कार्य पर प्रतिकूल असर पड़ गया । सूत्रों के अनुसार यहां तक की विधालय में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई। वार्डेन शांति सुरीन और दीपिका तिग्गा के कारण स्कूल की शैक्षणिक माहौल का स्तर गिरता चला गया। स्कूल में अपनी मनमानी , हिटलरशाही हावी रहा। जिसके कारण स्कूल के कर्मी भी आपस में मतभेद हो गये। कई अन्य कारणों को लेकर यह स्कूल जिला में सुर्खियों में रहा है। यहां की व्यवस्था व माहौल को देख अब छात्राओं के अभिभावक भी जिला प्रशासन से मांग करते हैं की जांचोपरांत गैर जिम्मेदार तरीके से कार्य करने वालों पर कड़ी कारवाई करें ।

 

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