पुलिस के हाथ तेज करने के लिये हर थाने में दिया जायेगा टैब

कोलकाता : अपराध से लड़ने में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक उपयोग करने के लिए राज्य द्वारा नयी पहल की गई है। नवान्न सूत्रों के मुताबिक जल्द ही प्रदेश के सभी थानों को एक टैब दिया जाएगा। टैब में थाना की सभी महत्वपूर्ण जानकारियां और अपराधियों का कच्चा-चिट्ठा रखा जाएगा जिसे पुलिस जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल करेगी। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, इससे अपराध पर अंकुश लगाने में पुलिस के हाथ मजबूत होंगे।

राज्य के गृह विभाग के अनुसार पुलिस को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए 756 विशेष टैब खरीदे जा रहे हैं। ये धूप और पानी से आसानी से खराब नहीं होते हैं। यह हाथ से गिरने पर भी आसानी से नहीं टूटेगा। प्रत्येक टैब में एक बेहतर कैमरा होगा। साथ ही वाईफाई कनेक्शन होने से हर तरह के ऐप्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। डेटा एंट्री कार्य के लिए और मोबाइल डेटा टर्मिनल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। जानकारी के अनुसार वर्तमान में राज्य पुलिस क्षेत्र में कुल 574 पुलिस स्टेशन हैं। वहीं कोलकाता पुलिस में 82 पुलिस स्टेशन हैं। सभी थानों में टैब दिए जाएंगे। इसके अलावा 100 और टैब होंगे जो राज्य के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर दिये जाएंगे। पुलिस कर्मियों को भी टैब के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

राज्य पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि समय के साथ अपराध की प्रकृति बदल रही है। पारंपरिक अपराधों के साथ-साथ साइबर अपराधों की संख्या भी बढ़ रही है। ऐसे अपराधों को रोकने के लिए पुलिस को भी तकनीक का सहारा लेने की जरूरत है। इसके लिए केंद्र ‘डिजिटल पुलिसिंग’ पर जोर दे रहा है। केंद्र सरकार ने इसी नाम से एक पोर्टल भी लॉन्च किया है। राज्य पुलिस भी डिजिटल तकनीक के उपयोग को बढ़ावा दे रही है। इसी मकसद से थानों को हॉट टैब दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस के लिए टैब हाथ में होना आसान हो जाता है। कंप्यूटर की तुलना में टैब के कई फायदे हैं। डेस्कटॉप या लैपटॉप हर जगह ले जाना संभव नहीं होता है। लेकिन टैब में यह समस्या नहीं होती है। जैसे ही आप टैब खोलेंगे, सभी महत्वपूर्ण जानकारी आपकी उंगलियों पर होगी। इसके अलावा अपराधियों की भी सभी जानकारी टैब में संग्रहीत की जा सकती है। अपराधियों की तस्वीरें कैमरे से कैद की जा सकती हैं और टैब में सेव की जा सकती हैं।

राष्ट्रीय नेटवर्क (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग सिस्टम) जिसे केंद्र सरकार ने अपराध से लड़ने के लिए स्थापित किया है, भविष्य में पुलिस उससे सीधा संपर्क स्थापित कर सकेंगे। यह पुलिस सूचनाओं के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा। बता दें कि राज्य में पुलिस ट्रैकिंग सिस्टम पहले ही शुरू किया जा चुका है लेकिन अभी यह राज्य और जिला मुख्यालय तक ही सीमित है। भविष्य में सरकार इस व्यवस्था को पूरे राज्य में फैलाने का काम शुरू कर दिया है। वहीं राज्य पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि ‘पुलिस के लिए पहले भी कई टैब खरीदे गए थे। इसमें से अधिकांश खराब हो गये है। इसके अलावा जिस रफ्तार से साइबर ठगी हो रही हैं, टैब का डाटा सुरक्षित रहेगा या नहीं, यह भी सोचने का विषय है।

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