तीन साल से महिला आयोग के अध्यक्ष का पद खाली…5 हजार से अधिक मामले लंबित

सूत्रकार, उपेंद्र गुप्ता

झारखंड में महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण की खबरें हर दिन किसी ना किसी क्षेत्र से आती रहती है, लेकिन इन पीड़ित और शोषित महिलाओं को न्याय नहीं मिल पा रहा है, न्याय के लिए ये महिलाएं दर दर भटक रही है.

 

महिला आयोग का गठन नहीं

हेमंत सरकार के सत्ता में आने के तीन साल से अधिक समय बीत चूका है, लेकिन राज्य महिला आयोग का गठन नहीं किया जा सका है, जिससे तीन साल से अधिक समय से महिला आयोग का पद रिक्त पड़ा है, जिससे पीड़ित महिलाओं को न्याय नहीं मिल पा रहा है, हालत यह है कि वर्तमान में एक अवर सचिव और दो तीन महिला कर्मियों के भरोसे महिला आयोग चल रहा है, अवर सचिव भी अतिरिक्त प्रभार में है. इसलिए वे सिर्फ कार्यालय का काम ही देखते हैं.

5 हजार से अधिक मामले लंबित

न्याय से जुड़े मामले केवल अध्यक्ष ही देखती है, इसलिए पिछले तीन साल में महिला आयोग के पास पांच हजार से भी अधिक मामले लंबित पड़ा है,बेबस और लाचार महिलाओं को किसी तरह कि मदद नहीं मिल पा रही है. उनकी कोई सुनने वाल नहीं है. महिला आयोग का काम पूरी तरह से ठप पड़ा है, महिलाओं के प्रति अपराध दिन प्रति दिन बढ़ रहा है, लेकिन महिला आयोग कोई संज्ञान नहीं ले पा रहा है, क्योंकि सुनने वाला कोई है ही नहीं, महिला आयोग के अध्यक्ष नहीं होने कि जानकारी अब आम लोगों तक पहुंच चुकी है, नतीजा अब पीड़ित महिलाओं का आना भी काफी कम हो चूका है.

लगातार उठ रही मांग

महिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति को लेकर लगातार मांग उठती रही है, विपक्ष सदन के अंदर बाहर हर जगह इस मुद्दे को उठती रही है, मीडिया में भी काफी खबरें आई, लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं दिखा.

 

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