राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश को दी चुनौती

कालियागंज नाबालिग दुष्कर्म-हत्या मामला

कोलकाता : उत्तर दिनाजपुर जिले के कालियागंज में नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी। हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजशेखर मंथा की एकल पीठ के दो आदेशों को मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ में चुनौती दी गयी है।

बता दें, कालियागंज नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या के मामले में हाईकोर्ट की एकल पीठ ने दो आदेश दिये थे। जिसमें एक आदेश मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन से संबंधित है, जबकि दूसरा न्यायमूर्ति मंथा द्वारा एसआईटी के साथ सहयोग करने से पुलिस के कथित रूप से इनकार करने पर राज्य के गृह विभाग से रिपोर्ट मांगने से संबंधित है।

मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करने के बावजूद, न्यायमूर्ति मंथा ने एसआईटी का गठन किया, इसमें कोलकाता पुलिस के तत्कालीन विशेष आयुक्त दमयंती सेन, सेवानिवृत्त आईजी पंकज दत्ता और सेवानिवृत्त सीबीआई संयुक्त निदेशक उपेन बिस्वास शामिल थे।

न्यायाधीश मंथा और विशेष रूप से राज्य पुलिस को एसआईटी को पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया। हालांकि, सेन को उनकी वर्तमान पोस्टिंग से राज्य पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (प्रशिक्षण) के कम महत्वपूर्ण पद पर स्थानांतरित कर दिया गया है।

न्यायाधीश मंथा की पीठ को हाल ही में राज्य पुलिस के खिलाफ एसआईटी के साथ सहयोग नहीं करने की शिकायतें मिली थीं। कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताते हुए गुरुवार को गृह विभाग से सात दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी। यह दुष्कर्म और हत्या का मामला अप्रैल में हुआ था।

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