पलामू में एनएच 75 बाइपास में जमीन देने वाले रैयतों को नहीं मिला मुआवजा

पलामू : मेदिनीनगर सदर प्रखंड के पोखराहा खुर्द के रैयत नेशनल हाइवे 75 बाइपास में जमीन देकर मुआवजा के लिए एक माह से भू-अर्जन कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। इससे उनमें आक्रोश बढ़ गया है। बुधवार को बड़ी संख्या में लोग भू-अर्जन कार्यालय मुआवजा भुगतान के लिए पहुंचे। रैयत कुशवाहा रानो देवी, विश्वनाथ मांझी, शिवपूजन पासवान, निरंजन मांझी, नरेश मांझी, गणेश, राजदेव, नारद, सुरेश, निर्मला टोप्पो सहित अन्य परेशान दिखे। आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 5 दिसंबर को एलपीसी बनाकर अंचल और भू-अर्जन कार्यालय को अन्य कागजात के साथ जमा किये हैं। इसके बावजूद मुआवजा भुगतान को लेकर सारे रैयतों को एक माह से कार्यालय का चक्कर लगवाया जा रहा है। उनकी परेशानी बढ़ी हुई है।

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उन्होंने कहा कि एक साल पहले नेशनल हाइवे 75 के बाइपास निर्माण के लिए पोखराहा खुर्द में जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है लेकिन भुगतान के नाम पर लगातार बहाना बनाया जा रहा है। जब भी कार्यालय जाते हैं उन्हें परेशान करने के लिए या अवैध वसूली के लिए छुट्टी पर रहने का बहाना बनाया जाता है। इससे उनका आक्रोश बढ़ रहा है। इस सिलसिले में गुरुवार को पोखराहा खुर्द के दर्जनों रैयत भुगतान की मांग को लेकर समाहरणालय में प्रदर्शन करेंगे। कुशवाहा रानो देवी के पति सामाजिक कार्यकर्ता अजीत मेहता ने कहा कि नेशनल हाइवे 75 के बाइपास निर्माण में उनकी 15 डिसमिल जमीन अधिग्रहण की गई है। इसी तरह से विश्वनाथ मांझी, शिवपूजन पासवान, निरंजन मांझी समेत अन्य ने बताया कि उनकी 58 डिसमिल जमीन ली गई है। इसी तरह से निर्मला टोप्पो ने कहा कि उसकी छह कट्ठा जमीन सड़क बनाने के लिए ली गई है। कभी अंचल कार्यालय तो कभी भू-अर्जन कार्यालय बुलाकर परेशान किया जा रहा है। कार्यालय जाने पर कर्मियों के छुट्टी पर रहने की जानकारी दी जाती है। परेशान होकर लौटना पड़ता है। उनका धैर्य अब जवाब दे दिया है।