Jharkhand की राजनीति में आज हो सकता है बड़ा उलटफेर!

झारखंड में कभी भी हो सकता है 'खेला'

शिखा झा/सूत्रकार

रांची : हेमंत सोरेन सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। वह लगातार ईडी के समन को लेकर बीजेपी पर हमलावर रहे हैं। उनका आरोप रहा है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार झारखंड में उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए जांच एजेंसियों का उपयोग कर रही है। सोरेन को धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 50 के तहत जमीन घोटाला मामले से संबंधित कथित धन शोधन की जांच के संबंध में 10 समन जारी किए गए। जांच एजेंसी दो प्रमुख मामलों की जांच की जा रही है, जिसमें राज्य की राजधानी में अवैध खनन और जमीन घोटाला शामिल है।

ED ने अपनी पहली पूछताछ 20 जनवरी को की थी :

जमीन घोटाले का मामला सेना के कब्जे वाली जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़ा हुआ है। फर्जी नाम-पता के आधार पर झारखंड में सेना की जमीन की खरीद-बिक्री हुई। इस सिलसिले में रांची नगर निगम ने एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। ईडी ने उसी एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट दर्ज करके जांच शुरू की थी। दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री के अलावा आदिवासी जमीन पर अवैध कब्जे के सिलसिले में मुख्यमंत्री से पूछताछ के लिए ED की ओर से बार-बार समन भेजा जा रहा था. आपको बता दे कि 8 अगस्त 2023 से 25 जनवरी 2024 तक ED ने 9 समन भेजा। जिसमें 20 जनवरी को ईडी ने हेमंत सोरेन से सात घंटे तक पूछताछ की थी। एजेंसी ने सीएम को उस रोज इत्तला कर दिया था कि इस मामले के कई बिंदुओं पर उनसे आगे भी पूछताछ होगी।

 

27 जनवरी को दसवां समन भेजा गया : 

वही फिर दसवां समन 27 जनवरी को भेजा गया। बयान दर्ज कराने के लिए 29-31 जनवरी तक का समय दिया गया। ये पूछताछ रांची में होनी थी, लेकिन इसी बीच हेमंत सोरेन दिल्ली चले गए और ED उनके दिल्ली के आवास शांति निकेतन पहुंची। इससे पहले ईडी उनकी लोकेशन ट्रेस कर रही थी और पता चला कि वह अपने दिल्ली स्थित आवास पर है। जब ED उनके दिल्ली के आवास शांति निकेतन पहुंची तो हेमंत सोरेन अपने आवास से गायब थे। ED सूत्रों ने बताया कि इस दौरान हेमंत सोरेन की एक बीएमडब्‍ल्‍यू कार, छत्तीस लाख कैश और दास्‍तावेज जांच एजेंसी अपने साथ ले गई। इसके बाद तो मानों मीडिया में हेमंत सोरेन के गायब होने की ख़बर आग के तरह फ़ैल गयी। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 29-30 जनवरी के बीच गायब रहे। करीब 48 घंटे तक उनके लापता रहने पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आईं।

 

झारखंड की सत्ता कल्पना सोरेन के हाथ में होगी ?

प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी उन्हें उनके दिल्ली के निवास स्थान पर और एयरपोर्ट पर ढूंढ रहे थे, लेकिन दिल्ली की सीमा नहीं चेक कर पाए। हेमंत सोरेन लगभग 1300 किलोमीटर की दूरी तय करके रांची पहुंच गए। वही जब पत्रकारों ने पूछा कि ग़ायब कहां थे, तो हेमंत सोरेन ने कहा – “आपके दिल में थे। ऐसे में यह भी एक सवाल ED पूछ सकती है की आखिरकार वह 48 घंटे कहाँ थे, वही खनन मामले में पूछताछ होगी और फिर ED यह भी सवाल कर सकती है की आख़िरकार उनके BMW में छत्तीस लाख कैश कहाँ से आये। अब एक तरफ तो भाजपा, हेमंत सोरेन पर तंज कस रही है। वहीं, परिवार और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता इसे हेमंत सोरेन को बदनाम करने की ‘नियोजित’ साजिश करार दे रही है। अब देखने वाली बात यह है कि क्या मुख्यमंत्री गिरफ्तार होते हैं या अगर गिरफ्तार होते हैं तो क्या झारखंड की सत्ता कल्पना सोरेन के हाथों में होगी। फिलहाल सबकी नजरें झारखंड के राजनीतिक गलियारे पर टिकी हुई हैं।

 

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