तीन दिनों में तीन किसानों ने की आत्महत्या

परिवार के मुताबिक उन्होंने मानसिक तनाव के कारण आत्महत्या की है

मिदनापुर: हाल ही में निम्न दबाव के कारण राज्य में हुई बरसात के कारण एक के बाद एक कई बीघे की फसल बर्बाद हो गयी है। नए रोपे गए आलू जमीन में सड़ गए हैं। धान की फसल खराब हो गई है। पिछले दो दिनों में पश्चिम बंगाल में दो किसानों की आत्महत्या की खबर सामने चुकी है। इस बार चंद्रकोना के एक आलू किसान ने आत्महत्या कर ली है।उसका नाम बापी घोष था। वह चंद्रकोना लाहिरगंज इलाके का निवासी था। परिवार के मुताबिक उन्होंने मानसिक तनाव के कारण आत्महत्या की है।

पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, बापी ने कर्ज लेकर करीब चार बीघे पुखराज और अन्य आलू की खेती की थी। लेकिन, बेमौसम बारिश ने सब खत्म कर दिया। आलू के बीज जमीन में सड़ रहे हैं।

परिजनों का कहना है कि बापी कुछ दिनों से मानसिक अवसाद से जूझ रहा था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि कर्ज कैसे चुकाया जाए। इसी बीच शुक्रवार देर रात उसने घर में जहर खा लिया। परिवार के सदस्यों ने उसे घाटाल सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पहुंचाया। लेकिन, शारीरिक स्थिति बिगड़ने के कारण शनिवार सुबह उसे मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया। वहीं शनिवार देर रात उसकी मौत हो गई। रविवार को मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज शवगृह में बापी का पोस्टमार्टम किया गया। बापी घोष की मौत के बाद लाहिरगंज गांव में मातम छाया हुआ है।

स्थानीय लोगों का दावा है कि बापी का परिवार खेती से चलता था। बापी घर पर उसकी पत्नी और बेटा हैं। चंद्रकोना के विधायक अरूप धारा सुबह मृतक किसान के परिवार से मिलने पहुंचे। उन्होंने परिजनों से बात की और उन्हें सांत्वना दी।

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