होश में आने की नसीहत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक में अपने सदस्यों व समर्थकों को एक बड़ा गुरुमंत्र दिया है। इसके तहत पीएम ने कहा है कि जो लोग देश के मुसलमानों के खिलाफ उल्टी-सीधी बातें किया करते हैं, उन्हें होश में आना चाहिए।

मतलब यह कि मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलने की जो परिपाटी कुछ नेताओं द्वारा चलाई जा रही थी, उसे पीएम ने सिरे से खारिज करते हुए सर्वधर्म समभाव की अपील की है।

यह बात दीगर है कि पीएम की सलाह उनके दल के दूसरे लोग भी मानेंगे या नहीं, लेकिन पीएम की इस नसीहत से कम से कम इतना पता जरूर चल जाता है कि भाजपा नेतृत्व 2024 के आम चुनाव के पहले समाज के हर वर्ग को अपने समर्थन में लाने की कोशिश कर रहा है।

दिलचस्प बात यह है कि पीएम ने भी यह सलाह तब दी है जब ज्यादातर मुस्लिम बुद्धिजीवी यह कहने लगे थे कि भारत में अब रहने लायक माहौल नहीं बचा है।

कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा है कि इस देश में रहने का मन नहीं करता। ज्ञातव्य है कि जब देश के एक वर्ग के बारे में घृणा फैलाने की कोशिश हो रही थी, तब किसी को भी नहीं लगा कि ऐसी गतिविधियां सामाजिक दुराव पैदा करेंगी और समाज आपस में बँटता जाएगा।

फिर भी कहा जा सकता है कि पीएम ने देर से ही सही लेकिन अपने दल के लोगों को सचेत तो कर दिया।

कमोबेश यही बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की ओर से भी कही जाती रही हैं। मोहनजी तो यहां तक कहते हैं कि भारत में रहने वाला हर नागरिक पहले से ही हिंदू है।

मतलब यह कि सारे नागरिक मूल रूप से अगर हिंदू ही हैं तो फिर किसी कौम के खिलाफ घृणा फैलाने की कोई घटना ही नहीं होनी चाहिए।

कुल मिलाकर यह माना जा रहा है कि चुनावी बयार पूरे देश में बहने लगी है तथा भाजपा को इस बात की समझ हो आई है कि किसी समुदाय विशेष के खिलाफ जहर उगलने से समाज में विघटन पैदा होगा और इसका लाभ उन दलों को होगा जो मुसलमानों के घावों पर मरहम लगाने की कोशिश करेंगे।

पीएम को चिंता इस बात की भी है कि केवल घरेलू मोर्चे पर ही नहीं, विश्व मंच पर भी भारत को अगर सशक्त होकर उभरना है तो किसी वर्ग विशेष को नाराज करना उचित नहीं होगा।

प्रसंगवश कहा जाना चाहिए कि जी-20 की अध्यक्षता कर रहे मोदी को एशिया के उन देशों के सवालों का भी सामना करना होगा जहां की आबादी में ज्यादातर लोग मुसलमान हैं।

आशय यह कि घरेलू स्तर पर मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलकर या उनकी पूजा पद्धति अथवा आचरण पर किसी तरह की टिप्पणी करके जी-20 के मंच को भारत के विकास के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।

दुनिया आज एक बाजार बन गई है जहां धर्म विशेष की राजनीति की कोई जगह बची नहीं है। ऐसे में अगर भाजपा मुसलमानों के बारे में कोई ओछी बात कहे तो इसका बुरा नतीजा भी झेलना पड़ सकता है।

मतलब कि चुनावी मजबूरी के साथ ही विश्व बिरादरी में अपनी पैठ जमाने के लिए भी जरूरी है कि मुसलमानों के खिलाफ टिप्पणी बंद की जाए। भाजपा नेताओं पर पीएम की इस सीख का क्या असर होता है- देखना रोचक होगा।

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