सरना धर्मकोड और सम्मेद शिखर के मुद्दे पर आदिवासियों ने पारसनाथ रेलवे ट्रैक पर दिया धरना

अधिकारियों के आश्वासन के बाद माने प्रदर्शनकारी

गिरिडीह : सरना धर्मकोड को मान्यता देने और पारसनाथ सम्मेद शिखर को आदिवासी समाज को सौंपे जाने की मांग को लेकर शनिवार को आदिवासी सेंगल अभियान के तहत सैकड़ों लोगों ने पारसनाथ रेलवे ट्रैक पर जाम लगाकर धरना दिया। सूचना पर पहुंचे जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने लोगों को उनकी बातों को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया और जाम हटवाया।

आंदोलन को देखते एसडीएम प्रेमलता मूर्मू, एसडीपीओ मनोज कुमार, नौशाद आलम, निमियाघाट थाना प्रभारी, जीआरपी समेत सीआरपीएफ के अधिकारियों ने आंदोलकारियों से वार्ता कर आश्वासन दिया कि जो भी मांगे हैं उसे केंद्र और राज्य सरकार को पहुंचाया जाएगा।

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे आदिवासी नेता आनंद टुडु ने कहा कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत देश के पांच राज्यों में आदिवासी समुदाय के लोग अलग-अलग मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के आदिवासी प्राकृतिक पूजक हैं और इस वर्ष हर हाल में सरना धर्म कोड लेना है। क्योंकि, आदिवासी का धर्म सरना है। सरकार सरना धर्म कोड को मान्यता दे और पारसनाथ सम्मेद शिखर को जैन समाज से मुक्त कराते हुए आदिवासी समुदाय को सौंपे। आंदोलनकारी नेताओं ने हेमंत सोरेन सरकार पर भी प्रहार किया।

इस दौरान आदिवासी सेंगल अभियान के बोकारो जोन के जोनल संयोजक आनंद टूडू, झारखंड प्रदेश संयोजक करमचंद हांसदा, मांझी परगना मडवा अध्यक्ष झारखंड प्रदेश चंद्रमोहन मरांडी, डुमरी प्रखंड के मुख्य संयोजक अनिल हांसदा, डुमरी प्रखंड अध्यक्ष मोतीलाल मुर्मू, डुमरी प्रखंड संयोजक सुमित्रा सोरेन्ज़, सरना धर्म मड़वा अध्यक्ष बृजेश और महिला मोर्चा अध्यक्ष चकरी पंचायत कौशल्या, टुडू नावाडीह प्रखंड कोऑर्डिनेटर जागेश्वर मुर्मू, नावाडीह प्रखंड संयोजक गणेश मरांडी, नावाडीह प्रखंड युवा छात्र मोर्चा अध्यक्ष हरि नारायण मुर्मू सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के महिला पुरुष उपस्थित थे।

सरना धर्मकोड और सम्मेद शिखर के मुद्दे पर आदिवासियों ने पारसनाथ रेलवे ट्रैक पर दिया धरना