WB Panchayat Election 2023 : मतदान केंद्र पर जमकर हुई बमबारी, पोलिंग ऑफिसर ने बाथरूम में छिपकर बचाई अपनी जान

पश्चिम बंगाल शनिवार को पंचायत चुनाव के दौरान दिनभर हिंसा का खूनी खेल देखने को मिला। मतदाता के साथ-साथ पोलिंग ऑफिसर और मतदानकर्मियों की जान खतरे में पड़ गई। दक्षिण 24 परगना के बासंती के फुलमालंच प्राथमिक विद्यालय में दोपहर 12:30 बजे अचानक बमबारी हुई और टीएमसी कार्यकर्ता को गोली मार दी गई। ऐसे में पोलिंग ऑफिसर ने बाथरूम में घुसकर किसी तरह अपनी जान बचाई।

बमबाजी में तृणमूल कार्यकर्ता अनीसुर रहमान बूथ के सामने गिर पड़े जिसके कारण बम से उसके सिर का एक हिस्सा जल गया। बूथ के अंदर उस समय मतदान अधिकारी कुछ समझ नहीं पाये। कुछ ही पलों में सैकड़ों लोग पहुंच गये और लगातार बमबारी होने लगी। बासंती प्रखंड के फुल मालंच ग्राम पंचायत के फुल मालंच प्राथमिक विद्यालय में दो बूथ 113 एवं 103 के पीठासीन अधिकारी की जान बाल-बाल बची। शनिवार दोपहर 12:30 से 1:30 बजे के बीच की घटना है। मतदान अधिकारियों के बयान के मुताबिक सुबह चुनाव काफी अच्छे से चल रहा था। करीब साढ़े 12 बजे अचानक कुछ बदमाश बूथ में घुस आए।

उन्होंने सबसे पहले बूथ के सभी ओर से ब्लॉक किया। बूथ में घुसकर मतपत्र छीनकर वोटिंग करने लगे कि तभी बूथ के अंदर बमबारी शुरू हो गयी। पीठासीन अधिकारी ने किसी तरह एक दरवाजा खोला और बाथरूम में चले गये। बूथ के अंदर मार्केट बैग पड़ा हुआ था। यहीं पर बम रखा गया था। एक मतदान अधिकारी ने बताया कि मैं अपना कर्तव्य निभाने आया हूं, लेकिन अब ऐसा लग रहा है जैसे मुझे नई जिंदगी मिल गई है।’ निकास और प्रवेश द्वार बंद कर दिए गए थे और बम अंदर जा रहे थे। हम कुछ मतदान अधिकारी हैं। किसी तरह मैंने दरवाजा खोला और भाग निकला। घटना की शुरुआत तब हुई जब एक समूह आया और किसी तरह कागज फाड़ने लगा। दूसरे गुट ने बमबारी शुरू कर दी। वहां एक सिपाही भी था। वह भी मौत के डर से भाग गया।

घटना के बारे में बात करते हुए एक मतदान अधिकारी रो पड़े। उन्होंने कहा कि ”हम बार-बार फोन कर रहे हैं। एक सेक्टर पदाधिकारी ने फोन तक नहीं उठाया। हमारा जीवन खतरे में है। उन्होंने कहा कि हमसे कहा जाता है कि सेना जायेगी, पुलिस जायेगी लेकिन वे कब आयेंगे? मेरे मरने के बाद? वे ज्यादा बोलने की स्थिति में नहीं थे। सवाल यह उठता है कि ये सरकारी कर्मचारी हैं। वे वोटिंग ड्यूटी पर आये थे। उन्हें इस तरह मौत का सामना क्यों करना पड़ा।

 

 

 

 

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