बांकुड़ाः स्कूल में सरस्वती पूजा नहीं हुई तो इसी के आक्रोश में अभिभावकों ने स्कूल में ताला जड़ दिया। इतना ही नहीं, शिक्षकों के स्कूल में आते ही उन लोगों ने स्कूल का घेराव कर प्रदर्शन किया।
यह घटना बांकुड़ा जिले के पश्चिम चक्र स्थित सिमलाबांध प्राथमिक विद्यालय की है। उक्त विद्यालय में शिक्षक हर साल सरस्वती पूजा का आयोजन करते हैं। इस पूजा में अभिभावक भी आते हैं। लेकिन इस बार स्कूल में पूजा नहीं हुई।
अभिभावकों के मुताबिक इस बार गणतंत्र दिवस और सरस्वती पूजा एक ही दिन पड़ा। हालांकि स्कूल में गणतंत्र दिवस मनाया गया, लेकिन सरस्वती पूजा नहीं की गयी।
इस बात को लेकर शनिवार को अभिभावकगण भड़क गए। आरोप है कि प्रधानाध्यापक ने यह कहते हुए स्कूल में सरस्वती पूजा का आयोजन नहीं किया कि स्कूल में सरस्वती पूजा करना संविधान के विरुद्ध है।
प्रधानाध्यापक गणेश बाउ़री ने कहा कि, धर्मनिरपेक्ष संविधान की गरिमा बनाये रखने के लिए स्कूल में सरस्वती पूजा नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ अभिभावकों ने उनके साथ इस बाबत दुर्वयवहार किया।
इधर अभिभावकों का आरोप है कि इस स्कूल में पढ़ने से लेकर मिड-डे मील तक सब कुछ खराब है। छात्र हर मामले में उपेक्षित हैं।
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हालांकि स्कूल प्रबंधन ने इस शिकायत को मानने से इंकार कर दिया। स्कूल के प्रधानाध्यापक ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमने देखा है कि कोई भी छात्र पूजा के दौरान आगे नहीं आता है।
इस मामले को लेकर भारतीय विज्ञान व युक्तिवादी समिति (science and rationalist association of india) के महासचिव मनीष रायचौधरी ने बांकुड़ा की जिला शासक के. राधिका अय्यर और एसपी वैभव तिवारी को एक पत्र दिया है।
मनीष ने कहा, सिमलाबांध प्राथमिक विद्यालय में सरस्वती पूजा नहीं हुई, इसके लिए प्रधानाध्यापक गणेश बाउ़री को बधाई देनाा चाहूंगा। उन्होंने सरकारी शिक्षा संस्थानों मेंं सरस्वती पूजाा जैसे धार्मिक अनुष्ठान की अनुमति नहीं देकर धर्मनिरपेक्ष संविधान की गरिमा की रक्षा की है।
उन्होंने कहा कि प्रधानाध्यापक ने यह कहते हुए स्कूल में सरस्वती पूजा का आयोजन नहीं किया कि स्कूल में सरस्वती पूजा करना संविधान के विरुद्ध है, जो संविधान के मुताबिक सही है।
इधर, इस मुद्दे पर शिक्षकों की ओर से सोमवार को स्कूल के एसआई को ज्ञापन सौंपा जायेगा।