जब सरकार इतनी उदार है तो क्यों नहीं कर रही है नियुक्ति

वर्षों से विरोध कर रहे अभ्यर्थियों का महारैली में छलका दर्द

कोलकाताः पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले के बाद नौकरी चाहने वाले सैंकड़ों अभ्यर्थी कोलकाता की सड़कों पर नौकरी की मांग पर सोमवार को उतरे। 9 संगठनों के बैनर तले सियालदह स्टेशन से नौकरी चाहने वाले अभ्यर्थियों ने जुलूस निकाला।

इनमें 9वीं-10वीं, 11वीं-12वीं, नर्सेज की संस्था समेत अन्य शामिल थे। इसके अलावा इस रैली में आंदोलनकारी अभ्यर्थियों का साथ देने के लिए बुद्धिजीवियों ने भी पूरा सहयोग दिया।

इस दिन जमावड़े की शुरुआत सियालदह स्टेशन से हुई। वहां से नारेबाजी कर विरोध शुरू कर दिया। आंदोलनकारियों के मंच पर सामाजिक कार्यकर्ता मीरातून नाहर भी मौजूद रहीं।

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लोगों को संबोधित करती हुईं उन्होंने कहा कि आज तक इस तरह की घटना नहीं हुई थी। इतने दिनों से प्रदर्शन चल रहा है, लेकिन कोई निर्णय नहीं निकल रहा है। वहीं, दूसरी ओर विरोध प्रदर्शन के कारण मध्य कोलकाता में परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प हो गई।

कोलकाता की सड़क पर जुलूस निकालने के कारण कई यात्री फंस गए

इस महारैली के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट ने अनुमति दी थी। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम 645 दिनों से 9वीं से 10वीं कक्षा में पढ़ानेवाले शिक्षक की नौकरी के आकांक्षी हैं। जब सरकार इतनी मानवीय है, तो नियुक्ति क्यों नहीं करती? हमलोग कब तक सड़क पर बैठेंगे।

इस रैली में युवा छात्र अधिकार मंच, पश्चिम बंगाल प्रगतिशील नर्सिंग फोरम, युवा अधिकार मंच (शारीरिक शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा), डब्ल्यूबीसीएससी ग्रुप सी एंड डी, वेटिंग जॉब एस्पिरेंट्स फोरम, 2014 टीईटी पास एच मंच और 2018 सीएससी एमपैनल्ड कैंडीडेट्स ऑर्गेनाइजेशन सहित नौ संगठन इस रैली में हिस्सा लिए।

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