लालू से करीबी क्या ललन सिंह को ले डूबेगी

पटनाः बिहार की राजनीति जो है पूरी तरह से गरमाई हुई है। कारण एक नहीं कई समझ में आ रहे हैं। कुछ दिन पहले बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने एक बयान दिया था कि जेडीयू अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का इस्तीफा लेने वाली है क्योंकि लालू यादव के साथ उनकी निकटता है वो बहुत बढ़ गई है। और इस निकटता के कारण पूरा जेडीयू परेशान है यहां तक की टूट भी सकती है। ये खबर अभी पटना की राजनीति में गूंज ही रही थी कि इसी बीच जेडीयू ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुला ली। और इन्हीं सब घटनाक्रमों ने बल दे दिया कि ललन बाबू को अब राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा ही दिया जाएगा। लेकिन इसको लेकर बिहार की राजनीति गरमाई हुई है। आज इसी को लेकर नीतीश कुमार ने बयान दिया है कि ये सामान्य बैठक है, हर साल में एक बार ये बैठक होती रहती है।”

वहीं इस मामले को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी बयान दिया है। उन्होंने भी इस प्रकार के खबरों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि , “…. कोई कितनी बार सफाई दे सकता है? हर पार्टी की राष्ट्रीय स्तर पर बैठक होती है, कार्यकारिणी बैठक होती है। हमारी भी हुई थी। इस प्रकार की बेकार की बातों को लोगों को तूल देना है तो दें, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।”

हालांकि जेडीयू के सभी नेता ये तो जरूर बोल रहे हैं कि ये समान्य बैठक है। हर साल होती है लेकिन अभी तक किसी नेता शायद ही कहा हो की ललन सिंह ही राष्ट्रीय अध्यक्ष रहने वाले है। देखना होगा कि क्या सच में ललन बाबू बचते हैं या जाते हैं।

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