क्या गिरफ्तार होंगे प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड!

प्रचंड को गिरफ्तार करने की मांग की गई है

 

काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। पहले ही वह सरकार बचाने के मोर्चे पर जूझ रहे हैं। अब उनके खिलाफ नेपाल के सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है, जिसमें उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की गई है। ज्ञात हो कि यह याचिका उनके एक पुराने बयान के मामले में दर्ज की गई है, जिसमें दहल ने स्वीकार किया था कि देश में उग्रवाद के दौरान पांच हजार लोगों की मौत हुई थी। दरअसल प्रचंड ने 3 साल पहले काठमांडू में एक बयान दिया था जिसके कारण वो मुश्किल में पड़ गए हैं। बता दें कि 15 जनवरी, 2020 यानी माघी त्योहार के दिन प्रचंड ने विवादित बयान दिया था।

गौरतलब है कि इस स्वीकारोक्ति को लेकर 3 साल पहले सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दाखिल की गई थी। तब सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने आदेश दिया था कि याचिका दर्ज नहीं की जा सकती है। उसके बाद याचिकाकर्ताओं ने फिर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और सुनवाई करने की मांग की। शुक्रवार को कोर्ट ने याचिका दर्ज करने का आदेश दिया।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में माओवादी सशस्त्र गतिविधियों के दौरान 17000 से अधिक लोग मारे गए थे।

आपको बता दें कि नेपाल में संक्रमणकालीन न्याय अभी पूरा नहीं हुआ है। व्यापक शांति समझौते को 17 साल हो गए हैं। हालांकि संघर्ष के मुद्दों को हल करने के लिए विभिन्न आयोगों का गठन किया गया लेकिन काम आगे नहीं बढ़ा है। अब ऐसे में प्रचंड की गिरफ़्तारी की मांग क्या नया मोड़ लाती है ये देखने लायक होगा।

 

Nepal prime ministerनेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष पुष्पकमल दहल प्रचंड