Kurmi Andolan : कुर्मी समाज का आंदोलन समाप्त, पांच दिनों में रेलवे को 1700 करोड़ का घाटा

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पुरुलिया : अनुसुचित जाति का दर्जा पाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर कुर्मी समुदाय के लोगों रेल रोको आंदोलन सोमवार को समाप्त कर दिया जिसके बाद ट्रेनों की आवागमन अब जाकर पटरी आ रही है। जानकारी के अनुसार कुर्मी आंदोलन के कारण 435 ट्रेनें रद्द रहीं जिनमें कई मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल थी । वहीं खड़गपुर मंडल और आद्रा मंडल को आर्थिक रूप से बड़ा झटका लगा है। बताया जा रहा है कि दक्षिण-पूर्व रेलवे को अनुमानित तौर पर 1700 हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ है जिसमें सबसे बड़ा झटका खड़गपुर रेल मंडल को लगा है। उल्लेखनीय है कि प्रदर्शकारी 5 अप्रिल से कुस्तौर और खेमाशुली स्टेशन पर धरना दे रहे थे। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने कुस्तौर का सड़क मार्ग भी बंद कर दिया। बताया जा रहा है कि झारखंड से भी हजारों कुर्मी कोटशिला पहुंचे और रेल रोको आंदोलन में जुट गये।

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उल्लेखनीय है कि आदिवासी कुर्मी समाज के नेतृत्व अजीत प्रसाद महतो का मुख्य सचिव के साथ लगातार बैठकें हुईं बावजूद कोई निष्कर्श नहीं निकलने के कारण कुड़मियों ने स्वयं आंदोलन बंद कर दिया। वहीं दक्षिण-पूर्व रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी आदित्य कुमार चौधरी ने बताया कि सुबह 11.45 पर आद्रा मंडल के कुस्तौल स्टेशन से प्रदर्शनकारी हटने लगे। वहीं कोटशिला व खेमाशुली स्टेशन से भी प्रदर्शनकारी शाम तक हट गये जिसके बाद से रेलवे परिचालन को सामान्य करने की कोशिश की जा रही है।