गोमिया : नक्सली हमलों से थोड़ा निजत पाने के बाद अब झारखण्डवासी जंगली जानवरों के शिकार हो रहे हैं l इसमें तेंदुआ,हाथी,भालू और बंदर प्रमुख हैं ।
हाथी जान लेने के साथ-साथ फसलों को भी बड़े पैमाने पर नुकशान पहुंचा रहा है । तेंदुआ और भालू इन्सान को मार कर अपनी भूख मिटा रहे हैं।
एक ओर जहां पलामू-गढ़वा में तेंदुवे का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार कई लोग तेंदुवा का शिकार हो चुके हैं। अब तेंदुआ को मारने के लिए शूटर की भी तलाश की जा रही है ।
वहीं एक ओर घटना गोमिया प्रखंड के पचमो में घटी है । जहां जमनीजारा पंचायत गांव के लेढीआम मोहल्ला निवासी वार्ड संख्या दो के वार्ड सदस्य नरेश महतो को बीते शाम जंगली भालुओं ने हमला कर घायल कर दिया ।
घटना के संबंध में बताया जाता है कि प्रदीप कुमार महतो के पिता पुरना पानी जंगल की ओर मवेशी खोजने के लिए गए हुए थे। कुछ दूर जंगल के अन्दर जाने पर नरेश महतो को पीछे से 4 जंगली भालुओं के झुंड ने अचानक हमला कर दिया ।
जानलेवा हमले में भालूओं ने सर, चेहरे,आंख और हाथ को बुरी तरह लहूलुहान कर दिया। घायल वार्ड सदस्य ने ज्यों ही चिल्लाना शुरू किया आस-पास के ग्रामीण उसे बचाने पहुंचे।
लोगों की भीड़ देख भालू जंगल की ओर भाग खड़े हुए। वहीं आनन फानन में घायल वार्ड सदस्य को ईलाज के लिये परिजन रांची ले गए। इधर स्थानीय मुखिया राजेश कुमार रजवार तथा पारा शिक्षक उमेश कुमार महतो ने घटना की सूचना वन विभाग के पदाधिकारियों को दिया ।
पूर्व में भी 3 अक्टूबर को झुमरा पहाड़ की तराई में बसे बड़की सीधाबारा पंचायत में बड़की मुरपा गांव निवासी कौशल किस्कु की पत्नी सरिता देवी को एक जंगली भालू ने हमला कर बुरी तरह घायल कर लहुलुहान कर दिया था।
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि दो साल में हाथियों ने लगभग 200 से ज्यादा लोगों को मार डाला है। साल 2020-21 में लगभग 74 से ज्यादा लोगों और 2021-22 में लगभग 133 से ज्यादा लोगों को हाथियों ने मार डाला।
हालात ये है की हाथी अब जंगल से निकलते है तो गांव वालों को जान-माल का डर सताने लगता है। भले ही सरकार इस नुकसान के लिए मुआवजा तो देती है।लेकिन जो चले जाते है उनकी भरपाई तो नहीं हो सकती।
वहीं आकड़े बताते है की साल 2020-21 में लगभग 590 लाख 2021-22 में लगभग 480 लाख रुपये का भुगतान बतौर मुआवजा पीड़ितों-प्रभावितों को केंद्र की सरकार ने किया है।वहीं राज्य सरकार जो मुआवजा देती है वो इसमें शामिल नहीं है।
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