Varanasi: गंगा में सीवेज बहाने पर 1 लाख का जुर्माना

साबुन इस्तेमाल करने पर 5 हजार की पेनल्टी

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वाराणसी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी की पहचान घाटों से है। प्रतिदिन वाराणसी के घाटों पर पूजा पाठ, अनुष्ठान के अलावा गंगा आरती सहित अन्य धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन होते रहते हैं।

इस वजह से गंगा प्रदूषित होती है। साथ ही, कई जगह मोक्ष दायिनी गंगा में दूषित सीवेज बहाए जा रहे हैं। जिस पर सरकार सख्ती बरतने जा रही है। अब अगर, गंगा में सीवेज बहाया गया तो दोषी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा, गंगा में साबुन इस्तेमाल करने वालों पर 5 हजार की पेनल्टी लगेगी।

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गौरतलब है कि, गंगा नदी के संरक्षण को लेकर केंद्र और राज्य सरकार सचेत है। सरकार गंगा को साफ और स्वच्छ रखने के लिए लगातार तमाम योजनाओं का संचालन कर रही जब से पीएम नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) का उद्घाटन किया और गंगा में डुबकी लगाई थी, तब से इस दिशा में काम में तेजी गंगा को स्वच्छ रखने का संदेश लगातार दिया जाता रहा।

साबुन इस्तेमाल करने पर 5 हजार की पेनल्टी
राज्य सरकार और प्रशासन के लाख प्रयासों के बावजूद लोग बाज नहीं आ रहे। स्थानीय लोग गंगा में कूड़े-कचरा और गंदगी प्रवाहित कर रहे हैं। गंगा को मोक्ष दायिनी भी कहा जाता है।

मगर, इसमें सीवेज भी बहाया जा रहा है। जिसे लेकर अब सख्ती भरे कदम उठाए जा रहे है। अब गंगा में सीवेज बहाने पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।

वाराणसी नगर निगम गंगा सफाई की दिशा में कठोर कदम उठाने जा रही है। नए कानून के तहत अब गंग में साबुन का इस्तेमाल भी प्रतिबंधित होगा। यदि कोई शख्स गंगा में साबुन का इस्तेमाल करते पकड़ा जाता है तो उस पर 5 हजार रुपए की पेनाल्टी लगाई जाएगी।

इसके तहत गंगा में कचरा फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार इससे पहले भी इस प्रकार के कठोर कदम उठा चुकी है, मगर लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसीलिए अब और कठोर कदम उठाए जा रहे हैं।