नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के प्रदर्शन का 1000वां दिन

धरना मंच पर लगे चोर-चोर के नारे, फेंके गए जूते

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कोलकाता, सूत्रकार : एसएलएसटी नौकरी चाहने वालों के आंदोलन के हजार दिन पूरे हो गए। शनिवार दोपहर को तृणमूल के राज्य महासचिव कुणाल घोष धर्मतल्ला स्थित गांधी प्रतिमा के पास पहुंचे। वह नौकरी चाहने वालों के पास गए और उनके साथ धरने पर बैठे। आरोप है कि उन्हें देखते ही प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग ने ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के ‘चोर’ लिखे पोस्टर लेकर नारे लगाने शुरू कर दिए। उन लोगों ने चोर-चोर के नारे लगाए। आरोप है कि एक जोड़ी जूते कुणाल की ओर फेंके गए।

उधर, इन लोगों को बीजेपी समर्थक बताया जा रहा है। हालांकि, कुणाल घोष ने इन बातों को तवज्जो नहीं दी, लेकिन संक्षेप में कहा कि निष्पक्ष नौकरियों की मांग को लेकर हो रहे आंदोलन को देखकर वे यहां आये हैं। उन्होंने कहा कि वह कुछ देर के लिए उनके धरने में शामिल होना चाहते हैं। इसके बाद भी कुणाल ने कहा कि समाधान बातचीत से ही निकलता है। आंदोलन भाग नहीं रहा है। लोकतांत्रिक देश में विरोध करने का अधिकार सभी को है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने कोई गलती है कि तो उसको पश्चाताप करना होगा। इस वक्त कांग्रेस नेता और वकील कौस्तव बागची भी उस मंच के पास थे। कुणाल घोष को उनसे अस्थायी नाराजगी थी। इसके बाद कुणाल घोष स्थिति को संभालते हुए नौकरी चाहने वालों के साथ धरने पर बैठ गये।

कुणाल घोष के जाने से कुछ देर पहले वाममोर्चा के अध्यक्ष विमान बोस इस मंच पर पहुंचे थे। इस मौके पर विमान बोस ने कहा कि उनका एक ही समय इस मंच पर आना ठीक नहीं है। राज्य सरकार के जो प्रतिनिधि आये, उन्हें शर्म आनी चाहिए। वे घर जाकर अपनी पत्नी को बताए कि आज एक महिला ने उचित नौकरी की मांग के लिए अपना सिर मुंडवा लिया है। इस दिन कुणाल घोष धरने में शामिल हुए और नौकरी चाहने वालों से बात की। उन्हें उन लोगों को मनाने की काफी कोशिश की। वहां से उन्होंने शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु को भी फोन पर संपर्क किया। आंदोलनकारियों ने उनसे बात करने की कोशिश की। हालांकि, नौकरीपेशा लोग अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि शिक्षा मंत्री से इस तरह बात करके हम नौकरी के बारे में निश्चिंत नहीं हो सकते। अब हमें नौकरी चाहिए, बात करने से कोई फायदा नहीं।

महिला ने सिर मुंडवाकर किया विरोध

9वीं से 12वीं तक की मेरिट सूची में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों की ओर से लगातार सड़क पर प्रदर्शन किया जा रहा है। उस प्रदर्शन का आज यानी शनिवार को 1000वां दिन है। इस दौरान नौकरी की मांग पर प्रदर्शन कर रही एक महिला ने सरकार के खिलाफ जोरदार गुस्सा व्यक्त किया। महिला ने धरना मंच पर अपना सिर मुंडवा कर विरोध प्रदर्शन किया। यही नहीं, वह बाद में फूट-फूट कर रोने लगी। महिला ने अनुरोध किया कि उसके जैसे नौकरी चाहने वालों को तुरंत नियुक्त किया जाना चाहिए। इसके बाद उसने सत्ताधारी और विपक्षी नेताओं से अपील की कि आप सभी राजनीति से ऊपर उठकर हमारी समस्याओं का समाधान करें। हमारी कोई सुन नहीं रहा है, हमें नौकरी दीजिए। नौकरी चाहने वालों के इस धरने और विरोध पर जहां तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने इसे नाटक करार दिया, वहीं सीपीएम नेता सुजन चक्रवर्ती ने इसे राज्य का कुशासन बताया।