1911 बर्खास्त ग्रुप डी कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई गुहार

बंगाल एसएससी का ग्रुप डी भर्ती मामला

132

कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए ग्रुप डी के बर्खास्त 1911 कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मामला बंगाल एसएससी ग्रुप डी कर्मचारियों का है।

बता दें, कलकत्ता हाईकोर्ट ने न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने ग्रुप डी नियुक्ति मामले में 1911 कर्मचारियों की नौकरी रद्द करने और वेतन लौटाने का आदेश दिया था।

न्यायाधीश गंगोपाध्याय के आदेश के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ में सुनवाई हुई। लेकिन फैसला अभी तक घोषित नहीं किया गया है। इस बीच, नौकरी रद्द करने के आदेश के खिलाफ ये कर्मचारी सुप्रीम कोर्ट चले गए है।

कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर नौकरी गंवाने वाले ग्रुप डी के 1911 कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की। इन 1911 कर्मचारियों की भर्ती के खिलाफ ओएमआर शीट में हेराफेरी के आरोप हैं।

ग्रुप डी भर्ती भ्रष्टाचार मामले में एसएससी ने स्वीकार किया कि कुल 2823 लोगों को फर्जी तरीके से नौकरी दी गई। इन 2823 लोगों में से 1911 की प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में नियुक्ति हो चुकी है।

उसके बाद 10 फरवरी को न्यायाधीश गंगोपाध्याय ने एसएससी को आदेश दिया कि वह कानून के अनुसार अपनी शक्तियों का प्रयोग करे और अवैध रूप से नियोजित 1911 ग्रुप डी कर्मचारियों को बर्खास्त करे।

उन्होंने इतने लंबे समय तक काम करके कमाए गए वेतन को वापस करने का आदेश दिया। इस आदेश को चुनौती देते हुए नौकरी से बर्खास्त कर्मचारियों ने पहले हाईकोर्ट की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया था।

मामले की सुनवाई न्यायाधीश सुब्रत तालुकदार और न्यायाधीश सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ ने की। रोजगार समाप्त करने के आदेश पर अभी कोई फैसला नहीं आया है।

इसे भी पढ़ेंः अंतरराष्ट्रीय भाषा दिवस पर ममता बोलीं, दूसरी भाषाएं भी सीखें, पर अपने घर में बोलें बांग्ला

हालांकि सुनवाई खत्म हो चुकी है, लेकिन फैसला खंडपीठ में लंबित है। कोर्ट में कर्मचारियों का काउंटर तर्क था कि जब उन्होंने काम किया है तो वे वेतन क्यों लौटाएं ? सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने वेतन वापसी के आदेश पर रोक लगा दी। लेकिन रोजगार समाप्ति के आदेश पर कोई निर्णय पारित नहीं किया गया है।