1993 बम ब्लास्ट को पूरे हुए 30 साल, छलका पीड़ित का दर्द !

1993 में हुए बम धमाकों को आज 30 साल पूरे हुए

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मुंबई। मुंबई में साल 1993 में हुए बम धमाकों को आज 30 साल पूरे हुए हैं। तीस साल पहले आज ही के दिन साल 1993 में सिलसिलेवार तरीके से हुए 13 बम धमाकों से देश की आर्थिक राजधानी मुंबई दहल उठी थी।

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इन सिलसिलेवार धमाकों में 257 लोग मारे गए थे और 713 लोग घायल हुए थे। आज भी मुंबईवासियों के जेहन में उस खौफनाक शुक्रवार की यादें ताजा हैं, लेकिन तीन दशक बीत जाने के बाद भी बम ब्लास्ट के पीड़ितों को केंद्र और राज्य सरकार से न्याय की उम्मीद है।

ऐसा ही एक पीड़ित हैं मुंबई के रहने वाले कीर्ति अजमेरा जिन्होंने मोदी सरकार से बम धमाके का मास्टरमाइंड माने जाने वाले आरोपी नंबर एक अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को फांसी देने की मांग की है। कीर्ति अजमेरा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के दौरान उन्हें कभी ऐसा नहीं लगा कि दाऊद इब्राहिम को दोबारा भारत वापस लाया जा सकेगा और ना ही कभी उसे फांसी के फंदे तक पहुंचाया जा सकता है। लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद से ये उमीद जगी है कि अब अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को उसके किए की सजा जरूर मिलेगी। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि उनके शरीर से आज तक कांच के टुकड़े निकल रहे हैं।

तीसवीं बरसी के मौके पर बम ब्लास्ट में जीवित बचे पीड़ित कीर्ति अजमेरा ने प्रधानमंत्री सहित गृह मंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और राज्यपाल को पत्र लिख कर सरकार से मुआवजे की मांग की है। साथ ही कीर्ति अजमेरा ने ये मांग भी प्रमुख रूप से रखी है कि 1993 मुंबई बम ब्लास्ट के पीछे का मास्टरमाइंड माने जाने वाले दाऊद इब्राहिम को भारत सरकार जल्द से जल्द पकड़कर भारत लाए और देश की न्यायपालिका उसे फांसी की सजा दे।

वहीं कीर्ति अजमेरा 12 मार्च 1993 के दिन को याद करते हुए बताते हैं कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में उनके सामने हुए एक बम धमाके में वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्होंने बताया कि घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया था। बीते 30 सालों में अब तक उनकी 40 से ज्यादा सर्जरी हो चुकी है। अबतक उनके शरीर से कांच के कई टुकड़े निकाले जा चुके हैं। कीर्ति अजमेरा आगे बताते हैं कि उनके शरीर के दाहिने हिस्से में अभी भी काफी दर्द महसूस होता है। 3 दशक बीत जाने के बाद भी शरीर से कांच के टुकड़े अभी भी निकाले जा रहे हैं।

बता दें कि मुंबई 1993 सीरियल बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हुई थी, साथ ही करीब 713 लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए थे। जिसके बाद मुंबई पुलिस ने इस केस में 4 नवंबर, 1994 को 10 हजार पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। टाडा कोर्ट में 22 साल तक इस मामले की सुनवाई चली। 600 लोगों की गवाही के बाद 2006 में कोर्ट ने मुख्य आरोपी टाइगर मेमन के भाई याकूब मेमन और संजय दत्त समेत 100 लोगों को दोषी ठहराया था, जबकि 23 लोग बरी हुए थे। इस केस में अब तक कुल 14 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई। इनमें से याकूब मेमन को 2015 में फांसी पर चढ़ाया जा चुका है। अबू सलेम समेत 22 दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई। अवैध हथियार मामले में संजय दत्त अपनी सजा पूरी कर चुके हैं। फिलहाल इस मामले में टाइगर मेमन और दाऊद इब्राहिम समेत 27 आरोपी फरार हैं।