नक्शा स्वीकृति के नाम पर हुई हेराफेरी की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी गठित

सरकार ने हाई कोर्ट को दी जानकारी

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रांची : राज्य के नगर निकायों में नक्शे स्वीकृति में पैसों के खेल मामले में कोर्ट के स्वत: संज्ञान की झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई बुधवार को हुई।

मामले में राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर बताया गया कि नक्शा स्वीकृति में पैसों के खेल की जांच को लेकर 3 सदस्य वाली कमिटी बनाई गई है।

यह 3 सदस्य कमेटी एडीशनल सेक्रेटरी अर्बन डेवलपमेंट एंड हाउसिंग डिपार्टमेंट, गवर्नमेंट ऑफ़ झारखंड कांत किशोर मिश्रा की अध्यक्षता में बनाई गई है, यह कमेटी जल्द ही विभाग को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। जिसे कोर्ट को अवगत कराया जाएगा।

राज्य सरकार ने इसके लिए कोर्ट से समय देने का आग्रह किया। इस पर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर निर्धारित की।

बता दें कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा था कि क्यों नहीं आरआरडीए और रांची नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी जैसे सीबीआई से जांच कराई जाय।

कोर्ट ने राज्य सरकार से एक जनवरी 2022 से लेकर 30 नवंबर 2022 तक नए बिल्डिंग से संबंधित वैसे नक्शा आवेदनों के बारे में जानकारी मांगी थी जिसे किसी आपत्ति के आधार पर आरआरडीए या नगर निगम ने वापस कर दिया गया है।

लंबित स्वीकृत पद पर नियुक्ति के लिए एक स्वतंत्र इकाई बनाने का भी कोर्ट ने सुझाव देते हुए पूछा था कि इसमें क्या किया जा सकता है।

साथ ही नक्शा से सबंधित किसी भी प्रकार के शिकायतों की सुनवाई के लिए भी एक समिति बनाने की भी बात कही थी। कोर्ट ने रांची नगर निगम से नक्शा स्वीकृति पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी।

बता दें कि इससे संबंधित खबर रांची के स्थानीय समाचार पत्र में छपी थी, जिस पर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। कोर्ट ने इस मामले को एलपीए 132 / 2012 के साथ टैग करने का निर्देश दिया था।

उल्लेखनीय है कि 20-30 रुपए प्रति वर्ग फीट चढ़ावा, तब पास होता है नक्शा शीर्षक से यह खबर छपी हुई है।

इसमें कहा गया है की राज्य के नगर निकायों में नक्शा स्वीकृति के लिए अधिकतम शुल्क 8 रुपया प्रति वर्ग फीट है लेकिन निकायों में तय शुल्क के अलावा 30 रुपए प्रति वर्ग फीट तक चढ़ावा देकर नक्शा की स्वीकृति प्राप्त किया जाता है।

नगर निकायों में नक्शा स्वीकृति के हर चरण पर चढ़ावे की रकम फिक्स कर दी गई है।

 

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