झारखंड आने वाली 60 ट्रेनें आज भी रद्द, 3 दिन से कुर्मी समुदाय का विरोध जारी
दक्षिण पूर्व जोन में शनिवार के लिए 60 अतिरिक्त ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। इनमें से 46 टाटानगर से बिहार, दिल्ली, मुंबई, हावड़ा और पुरी के लिए प्रस्थान करती हैं।
रांची : कुर्मी जाति को एसटी का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल में दक्षिण पूर्व रेलवे जोन के कुस्तौर और खेमसुली स्टेशन शुक्रवार को भी बंद रहे। टाटानगर और खड़गपुर के बीच एक हजार से अधिक लोगों के कब्जे के कारण, रेलवे को 82 ट्रेनों की आवाजाही रद्द करनी पड़ी, जिससे ट्रेन सेवा पूरी तरह से बंद हो गई थी। इस आंदोलन से विभिन्न राज्यों के करीब 45 हजार यात्री परेशान हैं।
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आज भी 60 ट्रेनें रद्द रहेंगी
दक्षिण पूर्व जोन में शनिवार के लिए 60 अतिरिक्त ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। इनमें से 46 टाटानगर से बिहार, दिल्ली, मुंबई, हावड़ा और पुरी के लिए प्रस्थान करती हैं। सूत्रों से पता चला है की कुड़मी आंदोलन बहुत लंबे समय तक जारी रह सकता है। दक्षिण पूर्व जोन में शनिवार के लिए 60 अतिरिक्त ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। इनमें से 46 टाटानगर से बिहार, दिल्ली, मुंबई, हावड़ा और पुरी के लिए प्रस्थान करती हैं। खुफिया रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि कुड़मी आंदोलन बहुत लंबे समय तक जारी रह सकता है। लगातार हावड़ा-पटना मार्ग पर ट्रेन परिचालन ठप होने से टाटानगर रेलवे को अबतक करीब 45 लाख, जबकि चक्रधरपुर मंडल के अन्य स्टेशनों पर रोज 10-15 लाख का नुकसान होने की उम्मीद है। रोज दो से ढाई हजार टिकट रिफंड होने और बंगाल, बिहार व ओडिशा मार्ग की ट्रेनों में टिकट बुक नहीं होने घाटा हो रहा है। हालांकि चक्रधरपुर, चाईबासा व राउरकेला मार्ग पर अन्य ट्रेनें चल रही हैं लेकिन रेलवे को ज्यादा राजस्व बिहार, यूपी, बंगाल और ओडिशा की ट्रेनों से मिलता है।रेलवे ने टाटानगर स्टेशन पर यात्रियों की सहायता के लिए हेल्पडेस्क खोला है, जहां से यात्री व उनके परिजन मायूस होकर लौट रहे हैं, क्योंकि लोग बिहार, बंगाल व ओडिशा मार्ग की ट्रेनों की जानकारी मांगते हैं जो नहीं मिलती। लेकिन टिकट निरीक्षक लाइन जाम रहने की सूचना देकर बिहार बंगाल की ट्रेनों के सामान्य होने का स्पष्ट समय नहीं बता पाते हैं।
चार ट्रेनों द्वारा भेजे गए 2,000 यात्री
गुरुवार की रात और शुक्रवार की सुबह टाटानगर तक, रेलवे ने पुणे-हावड़ा आजाद हिंद, मुंबई-हावड़ा मेल, मुंबई-हावड़ा गीतांजलि, अहमदाबाद हावड़ा और कुर्ला-शालीमार एक्सप्रेस चलाई। नतीजतन, गीतांजलि और कुर्ला एक्सप्रेस से खाली डिब्बे टाटानगर में रखे गए थे, और आजाद हिंद, मुंबई मेल और अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस से लगभग 2000 यात्रियों को संशोधित इंजन पर स्विच करके बोकारो और मिदनापुर के माध्यम से खड़गपुर और हावड़ा पहुंचाया गया था।