72 विधायकों और 13 सांसदों ने छात्रों को दिया लिखित समर्थन पत्र

छात्रों ने 10-11 जून को 48 घंटे का झारखंड बंद का किया ऐलान

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रांची : 60/40 नियोजन नीति के विरोध में छात्रों का सांसद विधायकों से लिखित समर्थन लेने का प्रथम चरण का अभियान काफ़ी सफल रहा, राज्य के 72 विधायकों ने छात्रों को अपना समर्थन दिया, जिसमें सत्ता पक्ष के 42 विधायक शामिल हैं, जबकि धनबाद के भाजपा सांसद पी एन सिंह को छोड़ सभी सांसदों ने अपना समर्थन छात्रों को दिया है. राज्य के सांसद और विधायकों के इस आपार समर्थन से छात्र गदगद हैं इसे ऐतिहासिक जीत बता रहे हैं, अब अगले दो चरणों में गांव के गली मुहल्लों और हाट बाजार में सखुआ का पत्ता घुमाकर आम लोगों का समर्थन लिया जायेगा और 9 जून को मशाल जुलूस निकाला जायेगा, वहीं 10 और 11 जून को 48 घंटे का झारखंड बंद किया जायेगा. छात्र नेता देवेंद्र महतो ने बताया कि भारत के इतिहास में झारखंड के छात्रों का आंदोलन का यह काफ़ी अनोखा और असरदार रहा. 40 डिग्री के गर्मी में छात्र सांसद – विधायक के आवास और कार्यालय में जा कर समर्थन हासिल किया. छात्र नेता ने कहा कि समर्थन पत्र महज कागज़ का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह झारखंड के कलेजे का टुकड़ा है, जिसे वें लोग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन, विधानसभा अध्यक्ष रबिंद्र नाथ महतो, और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौपेंगे.

 

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छात्र नेताओं ने कहा कि झारखंड में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरी में हर हाल में यहां के शत प्रतिशत लोगों को नौकरी देना ही होगा. हेमंत सरकार का 60/40 नियोजन नीति किसी क़ीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे. छात्रों ने दावा किया कि राज्य में करीब 6 लाख बेरोजगार हैं, जबकि साढ़े तीन लाख सरकारी नौकरी में पद खाली है, सरकार सभी पदों पर झारखंडी युवकों कि बहाली करें, शेष अन्य पदों पर भी यहां के मूलवासी और आदिवासी बेरोजगारों को ही प्राथमिकता दें, छात्रों के इस सुझाव पर यदि सरकार अमल करती है तो छात्रों का दावा है कि राज्य के हर घर से एक युवक को सरकारी नौकरी मिल जाएगी. छात्रों ने सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि उनकी मांगों को जबतक सरकार पूरा नहीं करेगी उनका आंदोलन जारी रहेगा, सरकार की सद्बुद्धि के लिए वे लोग मूलवासी और आदिवासी के सभी देवी देवता की पूजा करने और गांव गांव में सभी बुजुर्गों से आशीर्वाद लेने का अभियान चलेगा.