पंचायत चुनाव में 822 कंपनी सेंट्रल फोर्स होंगे तैनात : राजीव सिन्हा

4834 बूथ संवेदनशील, सभी मतदान केंद्रों पर सेंट्रल फोर्स की तैनाती नहीं

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कोलकाता: पंचायत चुनाव में केंद्रीय बल की तैनाती को लेकर राज्य चुनाव आयोग ने अपनी स्थिति साफ कर दी है। राज्य चुनाव आयोग ने सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में बताया कि 8 जुलाई को एक चरण के मतदान के दौरान 822 कंपनी केंद्रीय बल की तैनाती की जाएगी। केंद्र ने राज्य की आवश्यकता के अनुसार 822 कंपनियों में से शेष 485 कंपनियों को भी मंजूरी दे दी। बाकी केंद्रीय बलों की 485 कंपनियां राज्य में आने वाली हैं। इसके साथ ही राज्य चुनाव आयोग ने बताया कि 4834 मतदान केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है।

पंचायत चुनाव में अदालत की अवमानना ​​मामले की सुनवाई सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में शुरू हुई। आयोग ने मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की खंडपीठ को हलफनामा सौंपा। आज सुनवाई के दौरान केंद्र ने कोर्ट को बताया कि बाकी 485 कंपनी फोर्स भी दी जा रही है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य चुनाव आयोग ने अदालत की सिफारिश के मुताबिक केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं की। आयोग ने कहा कि 61 हजार 636 बूथों में से 4834 बूथ संवेदनशील हैं। संवेदनशील बूथों पर अतिरिक्त सशस्त्र बल तैनात किये गये हैं, लेकिन अब हर बूथ को केंद्रीय बल देना संभव नहीं है।

आयोग ने हाई कोर्ट को बताया कि मतदाताओं का विश्वास बढ़ाने और इलाके में गश्त के लिए फिलहाल केंद्रीय बल रखने पर विचार किया गया, क्योंकि कोर्ट के आदेश के मुताबिक 822 कंपनी फोर्स की व्यवस्था नहीं की जा सकी। आयोग ने कहा कि केंद्र ने 337 कंपनियां देने की बात कही। उसमें से 113 कंपनी फोर्स अभी तक नहीं आयी है, लेकिन केंद्र ने कहा कि यह जल्द आएगा। उन्होंने कहा कि बलों का उपयोग मोबाइल इकाइयों के रूप में किया जा सकता है। एक इकाई में 5/6 जवान होंगे।

राज्य चुनाव आयोग ने बताया कि 315 में से 224 और कुल 337 में से 22 कंपनियां आ चुकी हैं। 113 कंपनियां अभी तक नहीं आई हैं. तो सवाल यह है कि यह 485 कंपनी कब आएगी? इसलिए सवाल यह है कि ये फोर्स मतदाताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्वतंत्र एवं शांतिपूर्ण चुनाव कराने में कितनी मददगार होंगी।

बता दें कि राज्य में हिंसा की आशंका के मद्देनजर हाईकोर्ट ने सेंट्रल फोर्स तैनाती का आदेश दिया था। इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में राज्य चुनाव आयोग और ममता बनर्जी की सरकार ने चुनौती दी थी, लेकिन उस चुनौती को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।