पार्टी में कोई विवाद नहीं-अभिषेक

एकजुट होकर लड़ेंगे लड़ाईविवाद को नकारा

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कोलकाता, सूत्रकार : प्रदेश की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे और डायमंड हार्बर के तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने पार्टी के अंदर चल रहे नये-पुराने नेताओं के विवाद को खारिज करते हुए कहा कि तृणमूल 2024 में होने वाले आम चुनाव में एकजुट होकर लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने कहा कि वे नए-पुराने के लिए बात कहे थे लेकिन अब वह मामला शांत हो गया है। पार्टी के लिए सभी जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि एक बात कहूंगा कि जो युवा कर सकते हैं, वे 70 साल का बुजुर्ग नहीं कर सकता है। सांसद ने कहा कि मैं युवा था तो 2 महीने तक राज्य भर में नव ज्वार यात्रा की। बुजुर्ग दो महीने तक सड़क पर नहीं रह सकते।

यह फारमूला राजनीति में लागू होना चाहिए, यही मैंने कहा था। डायमंड हार्बर मेरी प्राथमिकता होगी। हालांकि, पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी है, मैं उसे निभाऊंगा। वे रविवार को पैलान में आयोजित वृद्धावस्था भत्ता कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे पार्टी के बुजुर्गों का सम्मान करते हैं।

गौरतलब है कि पार्टी में उम्र सीमा को लेकर काफी घमासान मचा हुआ था। 1 जनवरी को पार्टी के स्थापना दिवस के दिन आयोजित कार्यक्रम मंच से इस मुद्दे को लेकर कई तरह की टिप्पणियां सुनायी दी थीं। अंत में सीएम ममता बनर्जी को हस्तक्षेप करना पड़ा था। उस समय उन्होंने कहा था कि पार्टी के लिए नए और पुराने दोनों जरूरी हैं।

विवाद को नकारा

अभिषेक ने आगे बोलते हुए कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए अपनी गतिविधियों को डायमंड हार्बर तक सीमित रखना चाहते हैं। कई लोग कहते हैं कि टीएमसी में नए और पुराने के बीच संघर्ष है। पार्टी में कहीं भी संघर्ष की कोई गुंजाइश नहीं है। ममता बनर्जी के नेतृत्व में पार्टी एकजुट है। पार्टी ने मुझे नवज्वार यात्रा की जिम्मेदारी सौंपी। मैं पार्टी की कसौटी पर खरा रहा। इस बार भी मैं अपनी क्षमता के अनुसार काम करूंगा।

अभिषेक ने विरोधियों पर तंज कसते हुए कहा कि कई लोग कह रहे हैं कि मैं डायमंड हार्बर से लड़ूंगा। आप लड़ सकते हैं, दिक्कत कहां है? छोटे-बड़े-मंझले नेता आएं, कोई दिक्कत नहीं। लेकिन चुनाव के बाद कोई और बहाना मत बनाइयेगा। पहले भी केंद्रीय बलों की निगरानी में यहां मतदान हुआ है, परिणाम सभी जानते हैं।

इस वृद्धावस्था भत्ता कार्यक्रम में उन्होंने बुजुर्गों को चेक सौंपते हुए कहा कि हम जो वृद्धावस्था भत्ता दे रहे हैं, वह कोई उपहार या उपकार नहीं है, यह आपका अधिकार है।