जमींदारी हटाओ, बंगाल बचाओ: अभिषेक

लोकसभा चुनाव के लिए अभिषेक ने दिया नारा, इंतजार का समय नहीं, बीजेपी के खिलाफ सड़कों पर उतरें

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कोलकाता, सूत्रकार : तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने शुक्रवार को बीजेपी पर जमकर हमला बोला। अभिषेक बनर्जी ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए टीएमसी के नारे की घोषणा करते हुए ‘जमींदारी हटाओ, बंगाल बचाओ’ का आह्वान किया।

इस दौरान अभिषेक बनर्जी ने सभी सांसदों और विधायकों को स्पष्ट संदेश दिया कि अब इंतजार करने का समय नहीं है, बीजेपी के खिलाफ सड़कों पर उतरें। बैठक में अभिषेक बनर्जी ने संदेशखाली मामले पर बीजेपी और सीपीआई (एम) और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि चोपड़ा पर सभी चुप हैं, जहां चार बच्चों की जान चली गई। उन बच्चों का कोई मूल्य नहीं?

उन्होंने कहा कि हमारे प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की और उनसे चोपड़ा का दौरा करने के लिए कहा। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है। जब बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने गया तो वह 24 घंटे के अंदर ही वहां पहुंच गये। इससे पता चलता है कि उनकी प्राथमिकताएं क्या हैं।

सुकांत मजूमदार के साथ कथित मारपीट मामले में संसदीय समिति द्वारा डीजीपी और अन्य अधिकारियों को समन भेजे जाने पर अभिषेक बनर्जी ने कहा कि भाजपा सांसद कार से फिसल गए और यहां अधिकारियों को समन भेजा गया। जब हमारे नेताओं पर दिल्ली पुलिस द्वारा बेरहमी से हमला किया गया, महिला सांसदों को बाल पकड़कर घसीटा गया?, तो उस समय यह समिति कहां थी।

अभिषेक बनर्जी ने कहा कि इस बार का चुनाव प्रतिरोध का चुनाव है। इस बार का चुनाव बीजेपी को सबक सिखाने का चुनाव है। उन्होंने कहा कि एक और दो मार्च को पूरे राज्य में सभा होगी।

100 दिन काम करने वालों को राज्य सरकार से पैसा मिलेगा। उनसे मुलाकात की जाएगी। उन्होंने कहा कि तृणमूल का लोकसभा चुनाव में नारा है-आत्मनिर्भर बंगाल बनाओ, भाजपा की जमींदारी हटाओ, बंगाल बचाओ। इस साल का वोट प्रतिरोध का वोट है, बदले का वोट है।

बता दें कि अभिषेक बनर्जी पिछले कुछ माह से केवल अपने लोकसभा क्षेत्र डायमंड हार्बर में ही सभा कर रहे थे, लेकिन अब उन्होंने लोकसभा चुनाव के पहले फिर से मैदान में उतरने का ऐलान किया है।

ऐसा माना जा रहा है कि ममता बनर्जी से नाराजगी के कारण अभिषेक बनर्जी राज्य में राजनीतिक कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रहे थे। लेकिन हाल में अभिषेक बनर्जी ने साफ कहा था कि उनका ममता बनर्जी से कोई विरोध नहीं है, लेकिन कुछ मुद्दों पर वैचारिक मतभेद है। उन्होंने कहा था कि यदि ममता बनर्जी आदेश देती हैं तो वह पूरे राज्य में प्रचार करने के लिए प्रस्तुत हैं।