कोलकाता, सूत्रकार : तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दो दिनों तक केंद्र के खिलाफ बकाया राशि की मांग को लेकर धरना दिया। उन्होंने यह धरना रेड रोड पर बीआर अम्बेडकर की मूर्ति के समीप दिया था। ममता बनर्जी का धरना दो दिनों तक चला। लेकिन इस दौरान मुख्यमंत्री के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सांसद अभिषेक बनर्जी धरनास्थल पर नजर नहीं आये।
मुख्यमंत्री ने धरने के पहले ही सांसद सुदीप बनर्जी के माध्यम से सभी सांसदों को उपस्थित रहने के लिए कहा था। पार्टी के सभी सांसद धरना स्थल पर देखे गये लेकिन तृणमूल के ‘कमांडर’ नजर नहीं आए। अभिषेक की गैरमौजूदगी को लेकर अब अटकलों का बाजार तेज हो गया। सवाल ये है कि क्या अभिषेक ने सीएम के आदेश की अवहेलना की?
दूसरी ओर जहां तृणमूल कांग्रेस पर राजनीतिक दबाव बढ़ रहा है, वहीं, अभिषेक की ‘टीम’ के सदस्यों में से एक अदिति गायेन के एक्स हैंडल पर एक पोस्ट ने इस बात को और हवा दे दी। उन्होंने फिर लिखा कि योग्य लोगों को जगह नहीं मिलती, अयोग्य लोगों से घर सजाते हैं। हालांकि, युवा नेत्री सायनी घोष ने कहा कि अभिषेक दिल्ली में किसी काम को लकेर काफी व्यस्त हैं इसलिए वह धरना मंच पर नहीं आएं।
इधर, इस मुद्दे पर अन्य विरोधियों ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है। सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि जब भी कार्यक्रम की घोषणा की जाती है तो अभिषेक विदेश चले जाते हैं। ऐसा पहले भी हुआ था। अभी भी हो रहा है। भाजपा सांसद सौमित्र खान ने कहा कि यह उनका अपना मामला है। वे जानते हैं कि कौन क्या और कैसे करेगा।
बता दें कि कुछ दिन पहले नये-पुराने के मुद्दे को लेकर तृणमूल के भीतर बहस छिड़ गई थी। हालांकि कोई भी नेता इसे कैमरे के सामने स्वीकार नहीं करेगा, लेकिन राजनीतिक पंडित बार-बार कहते रहे हैं कि अंतर था। पिछले दिनों कालीघाट में हुई तृणमूल बैठक के दौरान भी अभिषेक बनर्जी कुछ हद तक ‘गायब’ नजर आए थे। ममता के बुलाने पर भी वह अपने कैमेक स्ट्रीट कार्यालय में चले गए थे।