दुमका : दुमका में पदस्थापित कार्यपालक अभियंता को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने रांची से गिरफ्तार किया है। एसीबी की टीम ने कार्रवाई करते हुए बुधवार को अरगोड़ा थाना क्षेत्र स्थित बसंत विहार कॉलोनी से पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता संजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया। रांची से गिरफ्तार करने के बाद एसीबी की टीम संजय कुमार को धनबाद ले गयी और उन्हें अदालत में पेश किया गया। अभी आगे की कार्रवाई चल रही है। बता दें कि संजय कुमार दुमका में पदस्थापित है, वह अपने घर रांची आये थे। तभी एसीबी की टीम ने कार्रवाई करते हुए उन्हें रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र स्थित बसंत विहार कॉलोनी से गिरफ्तार कर लिया। इनके खिलाफ धनबाद एसीबी में 2/18 प्राथमिकी दर्ज है।
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क्या है पूरा मामला ?
वित्तीय वर्ष 2011-12, 2012-13 एवं 2013-14 में धनबाद के गोविंदपुर एवं निरसा प्रखंड की पंचायतों में लगे नलकूपों की जांच तकनीकी परीक्षक प्रकोष्ठ द्वारा की गयी। जांच में दो करोड़ से अधिक के गबन का मामला सामने आया। जांच में यह भी पाया गया कि साधारण चापानल, विशेष मरम्मत चापानल, हाई फ्लो नलकूप, बल एवं लिफ्ट एवं स्वजल धारा योजना के तहत कई स्थानों पर निर्माण कार्य नहीं किया गया। नये चापानल एवं विशेष मरम्मत वाले चापानल के समीप चाटाल एवं नाला के अलावा ठेकेदारों द्वारा शॉक पिट भी नहीं बनाया गया था। लेकिन इंजीनियरों की मिलीभगत से बिना निर्माण कराए मापी पुस्तिका तैयार कर फाइल बिल तैयार कर ठेकेदारों को राशि का भुगतान कर दिया गया। जांच में उक्त लोगों की भूमिका सामने आने पर एसीबी ने विभाग से संबंधित लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। मंत्रिमंडल निगरानी विभाग से अनुमति मिलने के बाद एसीबी ने यह कार्रवाई की है। नलकूप घोटाला में एसीबी ने 29 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया था। जिनमें 11 इंजीनियर और 18 ठेकेदार शामिल हैं। गोविंदपुर और निरसा प्रखंड की अलग-अलग पंचायतों में नलकूप लगाने में गड़बड़ी की गयी थी। शिकायत की जांच में धनबाद एसीबी ने मामले को सही पाया था।