13 वर्षीय बच्ची को पिलाया था तेजाब, हाई कोर्ट ने कहा अब सरकार इलाज का खर्च उठाए

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रांची : दिसंबर 2019 में हजारीबाग में 13 वर्षीय लड़की को उसके साथ मोलेस्टेशन करने वाले दरिंदे ने जबरदस्ती बच्ची को तेज़ाब पिलाया था, जब वह स्कूल से घर जा रही थी। उसे इलाज के लिए रांची के एम्स ले जाया गया। बाद में उसके माता-पिता उसे एम्स पटना ले आए। इस मामले में झारखंड उच्च न्यायालय ने अब अनुरोध किया है कि सरकार पीड़िता के चिकित्सा बिलों का भुगतान करे। साथ ही रिम्स को आदेश दिया कि पीड़िता का अच्छा इलाज सुनिश्चित किया जाए। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को उस 13 वर्षीय नाबालिग लड़की के पुनर्वास एवं उपचार के लिए उठाये गये कदमों की जानकारी देने को कहा है जिसे कथित रूप से जबरन तेजाब पिलाया गया था। मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आनंद सेन की खंडपीठ ने राज्य सरकार और राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि लड़की का इलाज सरकार वहन करे । बुधवार को खंडपीठ ने मामले को जनहित याचिका के रूप में स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की।

 

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10 मई को मामले की फिर से सुनवाई होगी :

अगली सुनवाई की तारीख पर, अदालत ने अनुरोध किया है कि मामले के जांच अधिकारी पेश हों और जांच पर एक अद्यतन प्रदान करें।अदालत ने घोषणा की , 10 मई को मामले की फिर से सुनवाई होगी। हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश होने पर कहा कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और जल्द ही उसका पॉलीग्राफ परीक्षण किया जाएगा। अदालत के अनुसार, आईपीसी और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम दोनों के तहत आरोपी के खिलाफ पुलिस को सूचित किया गया है। आरोप गंभीर हैं, अदालत ने फैसला सुनाया, और ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस अपनी जांच ठीक से नहीं कर रही है।झारखंड हाईकोर्ट के अनुरोध पर इस मामले की अगली सुनवाई 10 मई को निर्धारित की गई है। आपको बता दें कि इस मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने खुद की थी। जिसके बाद राज्य सरकार को इलाज का खर्च वहन करने का आदेश दिया है।