लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई : मुख्यमंत्री

हेमंत सोरेन ने पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला खरसावां में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की

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जमशेदपुर :  मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अधिकारी पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ अपने कार्यों, जिम्मेदारियों एवं दायित्वों को निभाएं। योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए।

जनता की समस्याओं को पूरी संवेदनशीलता के साथ सुनें और उसका समाधान करें। इसमें जो अधिकारी लापरवाही तथा ढिलाई बरतेंगे, उनके खिलाफ सरकार कठोर कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगी।

मुख्यमंत्री मंगलवार को जमशेदपुर में पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला खरसावां जिले में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अलग राज्य गठन के बाद पिछले 20 वर्षों में हमने सिर्फ “खेल” खेला है।

गोल नहीं कर पाए हैं। इन वर्षों में राज्य में 24 घंटे बिजली -पानी की सुविधा, सिंचाई की समुचित व्यवस्था, रूरल कनेक्टिविटी, सड़कों की बेहतर व्यवस्था हो जानी चाहिए थी। इससे झारखंड को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाया जा सकता था लेकिन चिंता की बात है कि हकीकत में हम कहीं नहीं है। अब हमारे पास उतना वक़्त नहीं है। अधिकारियों को तेज गति से कार्य करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विभिन्न योजनाओं पर हर साल बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च करती है। चिंता इस बात की है कि योजनाओं पर लाखों- करोडों रुपये निवेश होने के बाद भी उसका कोई डेटाबेस नहीं है।

योजनाओं की क्या हकीकत है, इसकी भी सही से जानकारी नहीं मिल पाती है। ऐसे में हम कैसे आगे बढ़ेंगे। अधिकारी इसे गंभीरता से लें, ताकि योजनाओं पर निवेश का सकारात्मक परिणाम मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्य के लिए सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है लेकिन योजनाओं पर जो निवेश कर रहे हैं, उसका आउटपुट नहीं मिल रहा है। इसकी वजह व्यवस्था में खामी है।

उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश किया कि किसी भी योजना को लेकर कन्फ्यूजन नहीं हो। भ्रम की वजह से योजनाएं बंद बस्ते में नहीं डाली जानी चाहिए। उसका समाधान निकालें, क्योंकि योजनाओं को लंबित रखने से भविष्य में और परेशानियां बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि स्कूली विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति योजना और किसानों को मुख्यमंत्री सूखा राहत योजना का लाभ देने की दिशा में तेज गति से कार्य करें।