तेंदुआ,हाथी,भालू के बाद अब सर्पदंश से झारखंडी है परेशान

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रांची : राज्य में सर्पदंश के बढ़ते मामलों पर स्वास्थ्य विभाग गंभीर है। विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने एडवाइजरी जारी की है। बताया गया है कि राज्य के विभिन्न जिलों में एंटी स्नेक वेनम की 9532 डोज उपलब्ध है। स्वास्थ्य विभाग ने रिम्स निदेशक समेत सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य और सभी जिलों के सिविल सर्जन को पत्राचार करते हुए सर्पदंश से होने वाली आकस्मिक घटनाओं के बचाव, रोकथाम और उपचार से संबंधित मार्गदर्शिका का अनुपालन करने का निर्देश दिया है। विभाग की एडवाइजरी में कहा गया है कि सर्पदंश से लोगों की मौत का मुख्य कारण इलाज में देरी और समुदाय में जागरुकता की कमी है। राज्य में पाये जाने वाले सांप की 250 से अधिक प्रजाति में केवल 25 प्रतिशत ही जहरीली है। रसेल वाइपर सबसे ज्यादा खेतों में मिलता है, जिसके काटने पर खून पतला हो जाता है और ब्लीडिंग शुरू हो जाती है जबकि करैत काले रंग का होता है और सफेद रंग की रिंग जैसी बैंड बने होते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बारिश के मौसम में सर्पदंश के मामले के बढ़ने की आशंका को देखते हुए अपने- अपने संस्थानों में एंटी स्नेक वेनम की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि सर्पदंश से सावधानी और इलाज के प्रति लोगों को जागरूक कराने पर ध्यान दें, ताकि उन्हें नजदीकी अस्पताल में ससमय इलाज मिल सके और उनकी जान बचाई जा सके।

 

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