पूजा सिंघल और छवि रंजन के बाद कई अधिकारी और सफेदपोश चेहरे ईडी के रडार पर

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रांची : जमीन घोटाला में गिरफ्तार आई ए एस अधिकारी और रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन जेल की सालाखों के पीछे पहुंच चुके हैं और आज कोर्ट ने ईडी को 6 दिन का रिमांड भी दे दिया है, अब 12 मई तक छवि रंजन से ईडी पूछताछ कर सकेगी. जैसे जैसे पूछताछ आगे बढ़ते जाएगी, घोटाले की परत दर परत भी खुलते जाएगी. मामला छवि रंजन तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि कई सफेदपोश और अधिकारी की भी आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ने वाली है.

 

कई बड़े कारोबारी हैं ईडी के राडार पर

ईडी ने कोर्ट में जमीन घोटाले से जुड़े जो दस्तावेज सौंपे हैं, उससे साफ जाहिर है कि राजधानी रांची की बेशकीमती जमीनों को फर्जी कागजातों पर राजनीतिक और सरकारी संरक्षण में बेचा गया हैं. इसमें जमीन दलाल, भूमाफिया और सफेदपोश लोग भी शामिल हैं. ईडी इन सभी की भूमिका की जाँच कर रही है, और कभी भी समन भेज कर पूछताछ के लिए बुला सकती है. राजधानी के बड़े कारोबारी विष्णु अग्रवाल और कोलकता के कारोबारी अमित अग्रवाल का नाम सबसे ऊपर है, विष्णु अग्रवाल को ईडी ने 8 मई को पूछताछ के बुलाया भी है, छवि रंजन रिमांड पर हैं, विष्णु अग्रवाल पर छवि रंजन को गोवा टूर कराने का आरोप भी हैं ऐसे में ईडी विष्णु अग्रवाल के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई करें तो आश्चर्य नहीं होगा. जमीन घोटाले में विष्णु अग्रवाल की तरह ही अमित अग्रवाल की भी भूमिका काफ़ी है,जिसका खुलासा ईडी कर चुकी है. छवि रंजन अमित अग्रवाल और प्रेम प्रकाश के इशारे पर ही काम रहे थे, यहाँ तक की वकील राजीव कुमार को भी प्रभावित अमित अग्रवाल के कहने पर ही छवि रंजन ने किया था, प्रेम प्रकाश जेल में है और छवि रंजन भी होटवार पहुंच चुके हैं, तो अब किसकी बारी है? सबकी नजरें ईडी पर टिकी है.

राजीव अरुण एक्का

 

उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे

 

साहेबगंज डीसी रामनिवास यादव

 

 

मनरेगा से शराब घोटाला तक

झारखंड में ईडी ने मनरेगा घोटाले से जाँच शुरू की थी, जिसकी आंच धीरे धीरे अवैध माइनिंग से होते हुए जमीन घोटाला और शराब घोटाला तक पहुंच चुकी है, मनरेगा और जमीन घोटाले में दो आई ए एस पूजा सिंघल और छवि रंजन जेल जा चुके हैं, लेकिन कहानी इन्ही दो तक ख़त्म नहीं होती है. एक हजार करोड़ के अवैध माइनिंग में साहेबगंज के डीसी रामनिवास यादव ईडी के रडार पर अब भी हैं, इस मामले में सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा जेल में पहले से ही बंद है. दूसरी तरफ सीएम के पूर्व प्रधान सचिव राजीव वरुण एक्का सत्ता के एक दलाल विशाल चौधरी के निजी दफ़्तर में बैठ कर सरकारी फाइलों का निपटारा करने का आरोप है और इस मामले उनसे लंबी पूछताछ हो चुकी है. लेकिन मामला खत्म नहीं हुआ है. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने हाल ही में राज्य में शराब घोटाला को लेकर मामला उजागर किया था, उसके बाद छत्तीस गढ़ में राज्य के उत्पाद सचिव विनय चौबे और उत्पाद आयुक्त कर्ण सत्यार्थी से ईडी पूछताछ कर चुकी है. शराब घोटाले में राज्य सरकार को 450 करोड़ घाटा हुआ है, जिसे भाजपा घोटाले के रूप में देख रही है और इसे दिल्ली से भी बड़ा घोटाला बता रही है. कुल मिला इतना तो कहा ही जा सकता है कि अभी कई आई ए एस और सफ़ेद पोश लोग ईडी की रडार पर हैं.

पूजा सिंघल