रामचरितमानस के बाद अब देवी लक्ष्मी के वजूद पर टिप्पणी कर फंसे स्वामी प्रसाद मौर्य  

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सपा एमएलसी और राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में है। मौर्य ने देवी लक्ष्मी जी के वजूद पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। दिवाली पर उनके एक ट्वीट से बवाल मच गया है। इससे पहले रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी के साथ मुकदमों का सामना कर रहे हैं।

मौर्य ने फिर नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने माता लक्ष्मी को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी है। साथ ही दिवाली पर एक ट्वीट के जरिए पूछा है

चार हाथ, आठ हाथ, दस हाथ, बीस हाथ और हजार हाथ वाला बच्चा आज तक पैदा ही नहीं हुआ तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती हैये पहला मामला नहीं है। हाल में भी स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था। इस मामले में उस पर कई केस दर्ज हुए। आजमगढ़ कोर्ट ने मौर्य पर दर्ज केस भी रद्द करने से इनकार कर दिया है।

लक्ष्मी जी पर स्वामी प्रसाद मौर्य का विवाद बयान पर एक नजर

दीपोत्सव के अवसर पर अपनी पत्नी का पूजा व सम्मान करते हुए कहा कि पूरे विश्व के प्रत्येक धर्म, जाति, नस्ल, रंग व देश में पैदा होने वाले बच्चे के दो हाथ, दो पैर, दो कान, दो आंख, दो छिद्रों वाली नाक के साथ एक सिर, पेट व पीठ ही होती है, चार हाथ,आठ हाथ, दस हाथ, बीस हाथ व हजार हाथ वाला बच्चा आज तक पैदा ही नहीं हुआ तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है? यदि आप लक्ष्मी देवी की पूजा करना ही चाहते हैं तो अपने घरवाली की पूजा व सम्मान करें जो सही मायने में देवी है क्योंकि आपके घर परिवार का पालन-पोषण, सुख-समृद्धि, खान-पान व देखभाल की जिम्मेदारी बहुत ही निष्ठा के साथ निभाती है।

समाजवादी पार्टी के नेता हिंदू धर्म ग्रंथों पर लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा विवादित बयान देने वालों में स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम पहले स्थान पर है। इन दिनों रामचरितमानस विवाद को लेकर मौर्य पुलिस और कोर्ट सुनवाई का सामना कर रहे हैं। दूसरी तरफ दिवाली पर मां लक्ष्मी जी से जुड़ा बयान देकर एक बार फिर विवादित बहस छेड़ दी है। सपा द्वारा विवादित टिप्पणियों को लेकर पहले भी बीजेपी समेत अन्य दलों ने सवाल उठाया था कि आखिर अखिलेश यादव मौर्य के समर्थन में क्यों है? उन्होंने हिंदू धर्म का अपमान करने वाले मौर्य पर कार्रवाई क्यों नहीं की?

स्वामी प्रसाद मौर्य का ये ट्वीट सामने आने के बाद अखिलेश भी राजनीतिक दलों ने निशाने पर आने लगे हैं। कायस लगाए जा रहे है कि क्या ये अखिलेश की रणनीति का हिस्सा है। पांच राज्यों के चुनाव और लोकसभा चुनाव के ईद-गिर्द ऐसे बयानों से लोगों और मीडिया का ध्यान समाजवादी पार्टी केंद्रित करना चाहती है। कई बार मौर्य हिंदू ग्रंथों को भी पिछड़ों के साथ अन्याय का दोषी कह चुके हैं। राम, हिंदू और ब्राह्मणों का लगातार विरोध करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य देखा गया है। वो इसके जरिए समाजवादी पार्टी को ओबीसी और दलित वोटरों से जोड़ने की कोशिश में लगे है।