वाह रे एनडीए सरकार, मीठा-मीठा गप-गप

रेड के मारे, विपक्ष बेचारे

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अंकित कुमार सिन्हा

कोलकाता:

विपक्ष पिछले कुछ सालों से एक प्रश्न बार-बार उठा रहा है कि केवल केंद्रीय जांच दल उन्हीं राज्यों में कार्रवाई कर रहा है या फिर सक्रियता दिखा रहा है जो गैर बीजेपी शासित राज्य हैं।

देश में 28 राज्य हैं और 9 केंद्र शाषित प्रदेश हैं। अगर राजनीतिक लिहाज से देखें तो 11 ऐसे राज्य हैं जहां पर बीजेपी सीधे-सीधे शासन कर रही है। पांच ऐसे राज्य हैं जहां पर बीजेपी गठबंधन के साथ शासन कर रही है। तीन ऐसे राज्य हैं जहां पर कांग्रेस शासन कर रही है। आठ ऐसे राज्य भी हैं जहां क्षेत्रीय पार्टियां शासन कर रही हैं।

कहां-कहां कहर

पश्चिम बंगाल में ईडी और सीबीआई एक नहीं कई मुद्दों और भ्रष्टाचार के फाइलों को खोले हुए हैं। इसमें शिक्षा भर्ती घोटाला और पशु तस्करी का मामला महत्वपूर्ण है। जहां शिक्षा भर्ती घोटाले में मंत्री पार्थ चटर्जी को जेल में डाल दिया गया है,वहीं टीएमसी के बड़े नेताओं के नाम सामने आ चुके हैं। दूसरी तरफ पशु तस्करी के मामले में टीएमसी के कद्दावर नेता और बीरभूम टीएमसी के अध्यक्ष अणुव्रत मंडल को तिहाड़ जेल में भेज दिया गया है।

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बिहार

अब लालू परिवार पर जमीन के बदले नौकरी घोटाले की शामत आई है, जिसमें ईडी ने लालू प्रसाद की बेटी रागिनी यादव, चंदा यादव और हेमा यादव के यहां भी छापेमारी की। पटना, फुलवारी शरीफ, दिल्ली-एनसीआर, रांची और मुंबई में पूर्व आरजेडी विधायक अबू दोजाना, अमित कत्याल, नवदीप सरदाना और प्रवीण जैन से जुड़े परिसर के यहां छानबीन की गई।

तेलंगाना

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता से प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ की। उन्हें 16 मार्च को फिर से समन किया गया है। आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इसी मामले में पहले से ही ईडी की हिरासत में हैं।

दिल्ली

केजरीवाल के मंत्रिमंडल पर भी ईडी और सीबीआई मेहरबान है। सत्येंद्र जैन पहले से ही तिहाड़ जेल में थे, अब सिसोदिया भी घेरे में हैं। इसके बाद दोनों मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा।

पंजाब

पंजाब में कथित तौर पर एक बार फिर खालिस्तान मूवमेंट जन्म लेने लगा है। आरोप है कि खालिस्तान समर्थकों एवं ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख जत्थेदार अमृतपाल सिंह और उसके कार्यकर्ताओं ने थाने पर धावा बोल दिया,जिसमें छह पुलिसकर्मी घायल हुए।

केरल

यहां लेफ्ट के सीएम पिनराई विजयन पर पीएफआई का हवाला देकरजांच एजेंसी कार्रवाई करती रही है। फिलहाल तो पीएफआई को बैंड भी कर दिया गया।

महाराष्ट्र

यहां फिलहाल बीजेपी गठबंधन का शासन है। लेकिन शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी कहीं न कहीं आंख की किरकिरी बनी हुई हैं। अनिल देशमुख,संजय राउत व नवाब मलिक जैसे लोग नप चुके हैं। कुछ लोग अभी वेटिंग लिस्ट में जरूर होंगे।

इसके उलट केंद्र की हां में हां मिलाने वाले ओडिशा और आंध्र प्रदेश में लगता है कोई घोटाला ही नहीं है।

 

इसके अलावा कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में भी ईडी ने 12 से ज्यादा कांग्रेस नेताओं के घर छापा मारा है। राजस्थान में तो कई बार सरकार गिरने की नौबत आ गई है। हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस का शासन है, एजेंसियों की बिजली लगता है गिरने ही वाली है।

प्रो-बीजेपी राहत है

विशेषज्ञों का कहना है कि जिन-जिन राज्यों में क्षत्रपों के साथ बीजेपी के दोस्ताना संबंध हैं,  वहां  कोई घोटाला नहीं। व्यापमं घोटाले की फाइलें भी खामोश हैं। जबकि गैर बीजेपी सरकारों में आतंक है।

लोगों का मानना है कि बदले या दबाव के लिए किसी पिंजरे में बंद तोते का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ हो रहा है, तो भविष्य इसका परिणाम जरूर दिखाएगा। लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की अहम भूमिका है। घोटालेबाज चाहे जिस दल या सरकार में हों, लोग ऐसा मानते हैं कि ये समाज के कैंसर हैं। इनका समुचित इलाज बगैर किसी पक्षपात के होना चाहिए।