प्रदेश कांग्रेस में सब कुछ नहीं है ठीक

कांग्रेस की बागी नेताओं को दी गयी चेतावनी

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बर्दाश्त नहीं की जाएगी अनुशासनहीनता
सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी पड़ेगी भारी
रांचीः प्रदेश कांग्रेस कमेटी को लेकर संगठन में कई नेताओं ने बागी तेवर देखने को मिल रहे है। आपको बता दें झारखंड कांग्रेस की प्रदेश कमेटी, कार्यकारिणी और राजनीतिक मामलों की कमेटी का विरोध शुरू हो गया है।

इसे लेकर सोशल मीडिया में अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। जिसको लेकर पार्टी ने विरोध करने वालों को चेतावनी दे दी है की अनुशासनहीनता बर्दाशत नहीं की जाएगी।

प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि संगठन में अनुशासनहीनता कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी। अनुशासन समिति की सभी जिलों में कड़ी नजर है।

श्री सिंह ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि कांग्रेस के साथियों और पदाधिकारियों द्वारा शीर्ष नेताओं और पार्टी के विरुद्ध मीडिया के माध्यम से लगातार बयानबाजी की जा रही है।

जो पार्टी के विरूद्ध है और ऐसी हरकत से कांग्रेस पार्टी की छवि भी खराब करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी में रहकर किसी को भी किसी प्रकार की बात या शिकायत हो, तो वह पार्टी फोरम में अपनी बातों को रख सकते हैं,

समिति के अध्यक्ष ब्रजेंद्र सिंह ने कहा कि पार्टी और पार्टी के शीर्ष नेताओं के विरोध में सार्वजनिक तौर पर मीडिया और अखबारों में बयानबाजी पार्टी के संविधान के विरुद्ध माना जायेगा।

कांग्रेस में नयी कमेटी की घोषणा के बाद सचिव सुनील सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी को व्हाट्सएप से इस्तीफा भेज दिया है।

उन्होंने लिखा है कि धनबाद के एक नेता ने राष्ट्रीय नेताओं का पुतला दहन किया और प्रदेश कार्यालय में गाली गलौज की, तो कांग्रेस में पदाधिकारी बना दिये गये।

एक को प्रदेश का महासचिव बना दिया गया। जिस नेता ने रांची में महिलाओं के द्वारा पुतला दहन कराया, वह पूर्व में भी प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता रह चुका है ।

वह फिर अविनाश पांडे की जाति होने का लाभ लेते हुए प्रदेश का महासचिव बन गया। साहिबगंज से रातों-रात कांग्रेस जिलाध्यक्ष की सूची बदलने का मामला गहराता जा रहा है।

पार्टी आलाकमान से नाराज अनिल ओझा के समर्थक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गांधी चौक परिसर में धरना दिया और मंत्री आलमगीर आलम के खिलाफ नारेबाजी की।

नाराज कांग्रेसियों ने बताया कि कांग्रेसी जिलाध्यक्ष की सूची बदल कर अनिल ओझा के स्थान पर बरकत खान को जिलाध्यक्ष बना दिया गया, जो नियम के विरुद्ध है।

अनिल ओझा जिलाध्यक्ष बने थे, लेकिन दो दिनों में मंत्री आलमगीर आलम के इशारों पर बदल दिया गया। अपने ही विधायक प्रतिनिधि को बनवा दिया गया। जब तक अनिल ओझा को फिर से पार्टी का जिलाध्यक्ष नहीं बनाया जाता है, तब तक धरना जारी रहेगा।

 

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